By - Gurumantra Civil Class
At - 2024-01-13 18:28:12
नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट बिल, 2021
नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट (NaBFID) बिल, 2021 को संसद में पास किया गया था। लोकसभा में यह बिल 23 मार्च 2021 और राज्यसभा में 25 मार्च 2021 को पास हुआ था।
NABFID अब देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग के लिए प्रमुख डेवलपमेंट फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस (DFIs) होगी।
जब कॉमर्शियल बैंक अर्थव्यवस्था के किसी खास सेग्मेंट में ज्यादा जोखिम उठाने की स्थिति में नहीं होते हैं, तब DFI को बनाया जाता है। बैंक से इतर ये संस्थान आम लोगों से डिपॉजिट नहीं स्वीकार करते हैं। इन संस्थानों के लिए फंड का प्रमुख सोर्स मार्केट, सरकार, बहुस्तरीय संस्थान होते हैं। कई बार इन्हें सरकारी गारंटी भी मिलती है। इस बिल के तहत कोई भी व्यक्ति आरबीआई के पास अवेदन कर DFI खोल सकता है। आवेदन के बाद आरबीआई केंद्र सरकार से बात कर लाइसेंस जारी कर सकता है। आरबीआई ही इसकी रेगुलेशन भी तय करेगा।
नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट की जिम्मेदारी को वित्त मंत्रालय के वित्तीय विभाग को दे दी गई है। इसके तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दिया गया है।
●●● संरचना -
नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग एंड डेवलपमेंट (NABFID) को एक कॉरपोरेट बॉडी के तौर पर तैयार किया गया है। शुरुआती स्तर पर इसमें 1 लाख करोड़ रुपये शेयर कैपिटल के तौर पर डाला जाएगा। NABFID में केंद्र सरकार, बहुस्तारीय संस्थान, सॉवरेन वेल्थ फंड्स, पेंशन फंड्स, बीमा कंपनियां, वित्तीय संस्थानों, बैंकों और केंद्र सरकार की अन्य संस्थानों की हिस्सेदारी हो सकती है। हालांकि, शुरुआती तौर पर इसमें 100 फीसदी हिस्सेदारी केंद्र सरकार की ही होगी। भविष्य में इसे कम कर 26 फीसदी तक लाया जा सकता है।
◆◆ कार्यप्रणाली -
प्रमुख तौर पर NABFID को दो उद्देश्य से लाया जा रहा है। पहला वित्तीय और दूसरा विकास कार्य है। इसका पहला काम देश में पूरे या आंशिक रूप से किसी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निवेश करना या निवेश लाने का होगा। इसे केंद्र सरकार ही तय करेगी। इसके अलावा देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग के लिए बॉन्ड्स, लोन्स या डेरिवेटिव्स को सुगम बनाना होगा।
●●● इसे निम्नलिखित रूप से भी समझा जा सकता हैं-
इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए लोन और एडवांस मुहैया कराना।
पुराने या मौजूदा लोन्स को टेकओवर करना या दोबारा फाइनेंस करना।
इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए प्राइवेट सेक्टर के निवेशकों और संस्थागत निवेशकों से निवेश लाना।
इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए विदेशी संस्थानों की भागीदारी को बढ़ाना।
इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग को लेकर सरकारी प्राधिकरणों के विवादों को सुलझाना।
इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग के लिए कंसल्टेंसी की सुविधा मुहैया कराना।
◆◆◆ वित्तीय भार -
NABFID भारतीय या विदेशी रुपये में लोन्स जुटाएगा। इसके अलावा बॉन्ड व डिबेन्चर्स को जारी या बिक्री कर भी फंड जुटा सकता है। इसके अलावा यह केंद्र सरकार, भारतीय रिज़र्व बैंक, कॉमर्शियल बैाक, म्यूचुअल फंड्स और विश्व बैंक या एशियन डेवलपमेंट बैंक से उधार भी ले सकता है।
चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक केंद्र सरकार इसमें 5,000 रुपये की पूंजी डालेगी। वहीं, बहुस्तरीय संस्थानों उधार लेने पर केंद्र सरकार 0.1 फीसदी छूट की गारंटी भी देगी। ऐसा भी संभव है कि विदेशी करेंसी की तुलना में रुपये के होने वाले अंतर की भरपाई भी केंद्र सरकार ही करे। अनुरोध करने पर NABFID बॉन्ड्स, डिबेंचर्स और लोन भी जारी कर सकती है।
●●● NBFID का प्रबंधन:
NBFID एक निदेशक मंडल द्वारा शासित होगा। बोर्ड के सदस्यों में शामिल हैं:-
(i) आरबीआई के परामर्श से केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त अध्यक्ष,
(ii) एक प्रबंध निदेशक,
(iii) तीन उप प्रबंध निदेशक,
(iv) केंद्र सरकार द्वारा नामित दो निदेशक,
(v) शेयरधारकों द्वारा चुने गए अधिकतम तीन निदेशक,
(vi) कुछ स्वतंत्र निदेशक (जैसा निर्दिष्ट किया गया है)।
केंद्र सरकार द्वारा गठित निकाय प्रबंध निदेशक और उप प्रबंध निदेशक के पद के लिए उम्मीदवारों की सिफारिश करेगा। बोर्ड एक आंतरिक समिति की सिफारिश के आधार पर स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति करेगा।
जांच और अभियोजन के लिए पूर्व मंजूरी: -
बिना पूर्व मंजूरी के एनबीएफआईडी के कर्मचारियों के खिलाफ कोई जांच शुरू नहीं की जा सकती है:-
(i) अध्यक्ष या अन्य निदेशकों के मामले में केंद्र सरकार,
(ii) अन्य कर्मचारियों के मामले में प्रबंध निदेशक।
NBFID के कर्मचारियों से जुड़े मामलों में अपराधों का संज्ञान लेने के लिए न्यायालयों को भी पूर्व स्वीकृति की आवश्यकता होगी।
अन्य डीएफआई: -
बिल किसी भी व्यक्ति को आरबीआई को आवेदन करके डीएफआई स्थापित करने का भी प्रावधान करता है। आरबीआई केंद्र सरकार के परामर्श से डीएफआई को लाइसेंस दे सकता है। आरबीआई इन डीएफआई के लिए नियम भी निर्धारित करेगा।
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