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आजादी के अमृत महोत्सव

By - Gurumantra Civil Class

At - 2024-01-09 21:35:01

आजादी का अमृत महोत्सव आजादी के 75 साल और इसके लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाने और मनाने के लिए भारत सरकार की एक पहल है।

यह महोत्सव भारत के लोगों को समर्पित है, जिन्होंने न केवल भारत को उसकी विकास यात्रा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि अपने भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत 2.0 को सक्रिय करने के दृष्टिकोण को सक्षम करने की शक्ति और क्षमता भी है।  

आज़ादी का अमृत महोत्सव की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च 2021 को शुरू हुई, जिसने हमारी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के लिए 75-सप्ताह की उलटी गिनती शुरू की और 15 अगस्त 2023 को एक वर्ष के बाद समाप्त होगी।

 

 

आजादी के अमृत महोत्सव को भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मार्च 2021 महात्मा गांधी दांडी यात्रा शुरुआत दिवस से शुरू किया।  यह भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में भारत सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों की एक श्रृंखला है। जन-भागीदारी की भावना से महोत्सव को जन-उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है।


भारत के पास एक समृद्ध ऐतिहासिक चेतना और सांस्कृतिक विरासत का एक अथाह भंडार है और किसी भी देश का भविष्य तभी उज्ज्वल होता है जब वह अपने पिछले अनुभवों और विरासत के गौरव के साथ पल-पल जुड़ा रहता है।


इस ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, राष्ट्रीय चेतना को भारत के घर-घर पहुँचाने के लिए, प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अहमदाबाद, गुजरात में साबरमती आश्रम से एक पदयात्रा (स्वतंत्रता मार्च) को हरी झंडी दिखाकर स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ के लिए समर्पित ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

आजादी के अमृत महोत्सव का मतलब होता है स्वतंत्रता सेनानियों से प्राप्त प्रेरणा का अमृत। स्वतंत्रता का अमृत यानि नए विचारों का अमृत, नए संकल्पों का अमृत, स्वतंत्रता का अमृत है, एक ऐसा पर्व जिसमें भारत आत्मनिर्भर होने का संकल्प लेता है।


इस अमृत महोत्सव के 5 मुख्य स्तंभ हैं:- 

  1. स्वतंत्रता संग्राम
  2. 75 वर्षों में उपलब्धियाँ
  3. योजनाएं
  4. संकल्प
  5. कार्य


इस संबंध में, भारत सरकार ने 259 सदस्यों की एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया है, और समिति के प्रमुख प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी हैं। ऐसे अनगिनत गुमनाम स्वतंत्रता सेनानी हैं जिन्होंने स्वतंत्र भारत की उपस्थिति के लिए अपने आराम और जीवन का बलिदान दिया है। भारत सरकार ऐसे नायकों को उजागर करना चाहती है और उन्हें श्रद्धांजलि देना चाहती है।

 


आजादी के अमृत महोत्सव पर महत्वपूर्ण पंक्तियाँ - 

👉🏻आजादी का अमृत महोत्सव भारत के स्वतंत्रता सेनानियों की उपलब्धियों, विजयों और बलिदानों को मनाने और जानने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है।
👉🏻आजादी का अमृत महोत्सव का अर्थ है “स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे करना।”
👉🏻भारत के प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने इस अभियान की शुरुआत 12 मार्च 2021 को की थी।
👉🏻यह महोत्सव 15 अगस्त 2023 तक जारी रहेगा।
👉🏻इस पहल का उद्देश्य भारत के गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों और उपलब्धियों के बारे में आम लोगों को जागरूक करना है।
👉🏻यह आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर भी जोर देता है।
👉🏻आजादी का अमृत महोत्सव भारत के प्रत्येक नागरिक को अपनी छिपी प्रतिभा और क्षमताओं को खोजने के लिए प्रोत्साहित करता है।
👉🏻इसका यह भी उद्देश्य है कि लोग भारत की बेहतरी में अपना योगदान दें।
👉🏻यह महोत्सव भारत के स्वतंत्रता संग्राम के उन सभी गुमनाम नायकों को समर्पित है, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने जीवन की परवाह नहीं की और अपने बहुमूल्य जीवन का बलिदान दिया।
👉🏻आजादी के अमृत महोत्सव के मुख्य विषय स्वतंत्रता 2.0, विश्व गुरु भारत, आत्मानिर्भर भारत, विचार उपलब्धियां व संकल्प, भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, हैं। विचार उपलब्धियां और संकल्प, भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और गुमनाम नायकों के बारे में जानना हैं। भारत को आजादी दिलाने के लिए देश के कोने-कोने से पुरुष, महिलाओं और युवाओं ने असंख्य तपस्याओं का बलिदान दिया था। 


स्वतंत्रता आंदोलन की इस ज्योति को पूर्व-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, हर दिशा में, हर क्षेत्र में निरंतर जगाने का कार्य हमारे संत-महंतों, आचार्यों ने किया। भक्ति आंदोलन ने एक तरह से राष्ट्रव्यापी स्वतंत्रता आंदोलन की रीढ़ तैयार की थी। नमक उस समय भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक था जब गांधी जी ने दांडी की यात्रा की और नमक कानून को तोड़ा। अंग्रेजों ने भारत की इस आत्मनिर्भरता को खत्म करने का प्रयास करने के साथ-साथ उसके मूल्यों पर प्रहार भी किया था। उस समय भारत के लोगों को इंग्लैंड से आने वाले नमक पर निर्भर रहना पड़ता था। गांधी जी ने देश के इस पुराने दर्द को समझा और जनता से जुड़ी इस नब्ज को पकड़ने में सफल रहे। यह आंदोलन हर भारतीय का संकल्प बनने में सफल रहा, क्योंकि हमारे देश में नमक को एक प्रकार से वफादारी का प्रतीक भी माना जाता है। आज भी हम कहते हैं कि हमने देश का नमक खाया है। इसलिए नहीं कि नमक बहुत कीमती चीज है। बल्कि ऐसा इसलिए है क्योंकि नमक हमारे लिए श्रम और समानता का प्रतीक है। जब हम ब्रिटिश शासन के उस युग के बारे में सोचते हैं जब देश का हर व्यक्ति स्वतंत्रता की प्रतीक्षा कर रहा था, तो यह विचार स्वतंत्रता के इस 75 वर्ष के उत्सव को और भी महत्वपूर्ण बना देता है। आजादी का अमृत महोत्सव आजादी की लड़ाई की यादों को ताजा करने के साथ-साथ आजाद भारत के सपनों और कर्तव्यों को देश के सामने रख कर आगे बढ़ने की भी प्रेरणा देगा।


1857 का स्वतंत्रता संग्राम, महात्मा गांधी जी की विदेश से वापसी, देश को फिर से ‘सत्याग्रह’ की शक्ति की याद दिलाना, लोकमान्य तिलक जी का ‘पूर्ण स्वराज’ का आह्वान, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज का ‘दिल्ली मार्च’ और दिल्ली चलो का नारा भला कौन भूल सकता है । इतिहास के इस गौरव को याद रखने के लिए हर राज्य के हर क्षेत्र में इस दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं। देश ने दो साल पहले ही दांडी यात्रा स्थल के पुनर्गठन का काम पूरा कर लिया है। अंडमान में, जहां नेताजी सुभाष ने देश की पहली स्वतंत्र सरकार बनाकर तिरंगा फहराया था, वहां देश ने उस भूले-बिसरे इतिहास को भी फिर से भव्य रूप देने का प्रयास किया है। अंडमान और निकोबार के द्वीपों का नाम स्वतंत्रता संग्राम के नाम पर रखा गया है। चाहे जलियांवाला बाग हो या ‘पाइका आंदोलन’ की स्मृति हो, सभी स्मारकों पर काम पूरा हो गया है। दशकों से भुला दिए गए बाबासाहेब से जुड़े स्थानों में देश ने पंचतीर्थ का निर्माण किया है।
लोकमान्य तिलक जी का ‘पूर्ण स्वराज’ का आह्वान, आजाद हिंद फौज का ‘दिल्ली चलो’ नारा, महात्मा गाँधी का भारत छोड़ो आंदोलन को भारत का हर नागरिक कभी नहीं भूल सकता।हम सभी को मंगल पांडे, तात्या टोपे, रानी लक्ष्मीबाई, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, पं. नेहरू, सरदार पटेल, अंबेडकर जी से प्रेरणा मिलती है।


13-15 अगस्त को हो हर घर तिरंगा


आजादी के अमृत महोत्सव में हर घर तिरंगा अभियान 13 से 15 अगस्त, 2022 तक चलेगा। इस अभियान के माध्यम से सरकार ने 20 करोड़ घरों पर तिरंगा लहराने का लक्ष्य रखा है। सभी निजी और सरकारी प्रतिष्ठान भी इसमें शामिल होंगे।


आजादी का महोत्सव किसी विशेष जाति, धर्म अथवा राज्य नहीं बल्कि संपूर्ण भारत के लिए महत्वपूर्ण है। 


75 वर्ष में देश की प्रमुख उपलब्धियां - 


1. अपना संविधान बनाना,
2. पंचवर्षीय योजनाओं के जरिए विकास की नींव, 
3. खेती को मजबूती देने के लिए हरित क्रांति,
4. श्वेत क्रांति की शुरुआत,
5. इसरो के साथ अंतरीक्ष में लंबी छलांग,
6. परमाणु ताकत बनना,
7. रक्षा क्षेत्र में मजबूत रहना ।

आज भारत एक परामाणु शक्ति होने के साथ ही बड़ी सैन्य शक्ति भी है। यही नहीं चांद और मंगल पर मानव रहित मिशन भेजने वाले 5 देशों की सूची में भारत का भी नाम शामिल है , साथ ही भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जिसने बहुत कम खर्चों में मंगल मिशन के पहली बार में ही सफल बनाया।  उत्पादन के मामले में भी भारत ने कई देशों को पीछे छोड़ा दिया है।


भारत की आजादी के 75 वर्ष मनाने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) के हिस्से के रूप में, भारतीय नौसेना के जहाजों द्वारा हर महाद्वीप (अंटार्कटिका को छोड़कर) में विदेशी बंदरगाहों की स्‍मरणीय यात्राएं की जा रही हैं। 

भारत की स्वतंत्रता का 75वां वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव भारत के समुद्री लंगर को पुनर्जीवित करने और फिर से प्रमुख बनाने का अवसर है। इसके लिए, भारतीय नौसेना द्वारा पिछले एक वर्ष में देश और विदेश दोनों में बड़ी संख्या में गतिविधियाँ हाथ में ली गई हैं। वर्ष 2021-22 में स्‍मरणीय जहाज 75 भारतीय बंदरगाहों की यात्रा करेंगे, प्रेजीडेंट फ्लीट रिव्‍यू  स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के साथ जोड़ा गया है, लोकायन 2022 (समुद्री यात्रा जहाज अभियान), मुंबई में स्मारकीय राष्ट्रीय ध्वज का प्रदर्शन, भारत के सभी तटीय जिलों में सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रम, विभिन्न शहरों में स्वतंत्रता दौड़, नौकायन दौड़, पर्वतारोहण/साइकिल अभियान, रक्तदान शिविर, तटीय सफाई के प्रयास, भारत की समृद्ध समुद्री विरासत पर सेमिनार/कार्यक्रम, और वीरता पुरस्कार विजेताओं और युद्ध के दिग्गजों का सम्मान (1947 में या उससे पहले पैदा हुए) कुछ प्रमुख कार्यक्रम हैं।


आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत नियोजित गतिविधियां - 

  •  
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत महोत्सव के लिए एक वेबसाइट का उद्घाटन किया है।
  • एक 'आत्मनिर्भर इनक्यूबेटर' शुरू किया गया था जो पारंपरिक कला में शामिल लगभग 40,000 परिवारों की मदद करेगा।
  • तमिलनाडु और कर्नाटक में, स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने के लिए प्रदर्शनियां, साइकिल जत्था, वृक्षारोपण और जुलूस निर्धारित किए गए।
  • क्षेत्रीय आउटरीच ब्यूरो ने राजस्थान में पांच दिवसीय हस्तशिल्प प्रदर्शनी का आयोजन किया है।

आजादी के अमृत महोत्सव के पांच विषय
स्वतंत्रता संग्राम -

यह विषय आजादी का अमृत महोत्सव के तहत हमारे स्मरणोत्सव की पहल की शुरुआत करती है। यह विषय उन विस्मृत नायकों की कहानियों को जीवंत करने में मदद करता है जिनके बलिदान ने हमारे लिए स्वतंत्रता को एक वास्तविकता बना दिया है।

इस विषय के तहत कार्यक्रमों में बिरसा मुंडा जयंती (जनजातीय गौरव दिवस), नेताजी द्वारा स्वतंत्र भारत की अनंतिम सरकार की घोषणा, शहीद दिवस आदि शामिल हैं।

75 वर्ष पर विचार-विमर्श

 दुनिया बदल रही है और एक नई दुनिया सामने आ रही है। हमारे दृढ़ विश्वास की ताकत हमारे विचारों की लंबी आयु तय करेगी। इस विषय के तहत आयोजनों और कार्यक्रमों में लोकप्रिय, सहभागी पहलें शामिल हैं जो दुनिया में भारत के अद्वितीय योगदान को जीवंत करने में मदद करती हैं। इनमें काशी की भूमि के हिंदी साहित्यकारों को समर्पित काशी उत्सव, प्रधान मंत्री को पोस्ट कार्ड जैसे कार्यक्रम और पहल शामिल हैं।

75 वर्ष पर उप्लाबधियाँ

इसका उद्देश्य 5000+ वर्षों के प्राचीन इतिहास की विरासत के साथ 75 साल पुराने स्वतंत्र देश के रूप में हमारी सामूहिक उपलब्धियों के सार्वजनिक खाते में विकसित होना है।

इस विषय के तहत कार्यक्रमों में 1971 की जीत के लिए समर्पित स्वर्णिम विजय वर्ष, महापरिनिर्वाण दिवस के दौरान श्रेष्ठ योजना का शुभारंभ आदि जैसी पहल शामिल हैं।

75 वर्ष पर कदम

यह विषय उन सभी प्रयासों पर केंद्रित है जो नीतियों को लागू करने और प्रतिबद्धताओं को साकार करने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर प्रकाश डालते हुए भारत को कोविड के बाद की दुनिया में उभरने वाली नई विश्व व्यवस्था में अपना सही स्थान दिलाने में मदद करने के लिए किए जा रहे हैं।

यह सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के प्रधान मंत्री मोदी के स्पष्ट आह्वान से प्रेरित है। इसमें सरकारी नीतियों, योजनाओं, कार्य योजनाओं के साथ-साथ व्यवसायों, गैर सरकारी संगठनों, नागरिक समाज की प्रतिबद्धताओं को शामिल किया गया है जो हमारे विचारों को साकार करने में मदद करते हैं और सामूहिक रूप से बेहतर कल बनाने में हमारी मदद करते हैं। इस विषय के तहत कार्यक्रमों में गति शक्ति - मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान जैसी पहल शामिल हैं।

75 वर्ष पर संकल्प

यह विषय हमारी मातृभूमि की नियति को आकार देने के हमारे सामूहिक संकल्प और दृढ़ संकल्प पर केंद्रित है। 2047 की यात्रा के लिए हममें से प्रत्येक को व्यक्तियों, समूहों, नागरिक समाज, शासन की संस्थाओं आदि के रूप में उठकर अपनी भूमिका निभाने की आवश्यकता है।

हमारे सामूहिक संकल्प, सुनियोजित कार्य योजनाओं और दृढ़ प्रयासों से ही विचारों को कार्यों में परिणत किया जा सकता है। इस विषय के तहत कार्यक्रमों में संविधान दिवस, सुशासन सप्ताह आदि जैसी पहल शामिल हैं जो उद्देश्य की गहरी भावना से प्रेरित होने के साथ-साथ 'ग्रह और लोगों' के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को जीवंत करने में मदद करती हैं।
 

अतः यह उत्सव हमें अपनी छिपी उन ताकतों को फिर से खोजने के लिए प्रोत्साहित करता है जिन ताकतों के सहारे हम आज स्वतंत्र भारत में जीने का सौभाग्य प्राप्त कर रहे हैं और यह हमें राष्ट्रों के समूह में अपना सही स्थान हासिल करने के लिए ईमानदार, सहक्रियात्मक कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करता है।

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