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गंगा डॉल्फिन और इसके सुरक्षा (स्त्रोत - द हिन्दू रिपोर्ट)

By - Admin

At - 2021-06-15 07:05:38

गंगा डॉल्फिन

  • डॉल्फिन  को हम अक्सर मछली समझने की भूल कर देते हैं लेकिन वास्तव में डॉल्फिन एक मछली नहीं हैवह तो एक स्तनधारी प्राणी हैजिस तरह व्हेल एक स्तनधारी प्राणी है
  • डॉल्फिन को अकेले रहना पसंद नहीं है यह सामान्यत: समूह में रहना पसंद करती हैइनके एक समूह में 10 से 12 सदस्य होते हैं
  • गंगा नदी डॉल्फिन (Platanista gangetica gangetica) और  सिंधु नदी डॉल्फिन (Platanista gangetica minor) मीठे पानी की डॉल्फिन की दो प्रजातियां हैं

 

1. वैज्ञानिक नाम:- प्लैटनिस्टा गैंगेटिका (Platanista gangetica)

2. गंगा डॉल्फिन की खोज आधिकारिक तौर पर वर्ष 1801 में की गई थी

3. गंगा डॉल्फिन नेपाल, भारत और बांग्लादेश की गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना और कर्नाफुली-सांगु नदी प्रणालियों में रहती है

4. गंगा डॉल्फिन केवल मीठे पानी में रह सकती है और यह वास्तव में दृष्टिहीन होती है

5. ये पराश्रव्य ध्वनियों का उत्सर्जन करके शिकार करती हैं, जो मछलियों और अन्य शिकार से टकराकर वापस लौटती है तथा उन्हें अपने दिमाग में एक छवि "देखने" में सक्षम बनाती हैइन्हें 'सुसु' (Susu) भी कहा जाता है

गंगा डॉल्फिन की आबादी लगभग 1200-1800 के बीच है

6.  गंगा डॉल्फिन का शिकार करना वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत दंडनीय अपराध है

7. यह संपूर्ण नदी पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य का एक विश्वसनीय संकेतक है

8. गंगा डॉल्फिन को वर्ष 2009 में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय जलीय जीव (National Aquatic Animal) के रूप में मान्यता दी थी

दरअसल हाल ही में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ ज़िले में एक गंगा डॉल्फिन की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद इसकी सुरक्षा चिंता का विषय बना हुआ है

 

 

गंगा डॉल्फिन के लिये खतरे:-

1.   अवांछित शिकार:-  लोगों की तरह ही ये डॉल्फिन नदी के उन क्षेत्रों को पसंद करती हैं जहाँ मछलियाँ बहुतायत मात्रा में हों और पानी का प्रवाह धीमा होइसके कारण लोगों को मछलियाँ कम मिलती हैं और मछली पकड़ने के जाल में गलती से फँस जाने के कारण गंगा डॉल्फिन की मृत्यु हो जाती है, जिसे बायकैच (Bycatch) के रूप में भी जाना जाता है

2. प्रदूषण :- औद्योगिक, कृषि एवं मानव प्रदूषण इनके प्राकृतिक निवास स्थान के क्षरण का एक और गंभीर कारण है

3. *बाँध:- बाँधों और सिंचाई से संबंधित अन्य परियोजनाओं का निर्माण उन्हें सजातीय प्रजनन (Inbreeding) के लिये संवेदनशील बनाने के साथ अन्य खतरों के प्रति भी सुभेद्य बनाता है क्योंकि ऐसे निर्माण के कारण वे अन्य क्षेत्रों में नहीं जा सकते हैं

एक बाँध के अनुप्रवाह में भारी प्रदूषण, मछली पकड़ने की गतिविधियों में वृद्धि और पोत यातायात से डॉल्फिन के लिये खतरा उत्पन्न होता हैइसकी वजह से उनके लिये भोजन की भी कमी होती है क्योंकि बाँध मछलियों और अन्य शिकारों के प्रवासन, प्रजनन चक्र

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