By - Admin
At - 2021-10-14 12:56:08
केंद्रीय पेट्रोरसायन इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान (CIPET) , (स्रोत: पी.आई.बी.)
पेट्रोरसायन (Petrochemicals):-
भारत में पेट्रोरसायन उद्योग:
पेट्रोरसायन उद्योग का विज़न: -
पेट्रोरसायन क्षेत्र की परिकल्पना घरेलू पेट्रोरसायन उद्योग की संभावना को ध्यान में रखते हुए तथा उत्पादन और माँग में वैश्विक बदलाव द्वारा प्रदत्त विकास के अवसरों को देखते हुए की गई
इसके दृष्टिकोण में प्रमुख रूप से शामिल हैं- |
पर्यावरण अनुकूल प्रक्रियाओं एवं प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्द्धी कीमतों के आधार पर मूल्यवर्द्धित, गुणवत्तायुक्त पेट्रोरसायन उत्पादों का विकास करना।
सतत् विकास पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ नए अनुप्रयोगों और उत्पादों का विकास करना।
महत्त्व:-
पेट्रोरसायन उद्योग आर्थिक विकास और विनिर्माण क्षेत्र के विकास में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पेट्रोरसायन उद्योग में मूल्यवर्द्धन अन्य उद्योग क्षेत्रों की तुलना में अधिक है।
पेट्रोरसायन उत्पाद वस्त्र, आवास, निर्माण, फर्नीचर, ऑटोमोबाइल, घरेलू सामान, कृषि, बागवानी, सिंचाई, पैकेजिंग, चिकित्सा उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रीकल आदि जैसे जीवन के लगभग हर क्षेत्र को कवर करते हैं।
रसायन एवं पेट्रोरसायन उद्योग संयुक्त रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख योगदानकर्त्ता हैं, जिसमें नमक से लेकर उपग्रह तक के 80,000 से अधिक उत्पाद शामिल हैं। ये उद्योग लगभग 2 मिलियन लोगों को रोज़गार प्रदान करते हैं।
भारतीय रसायन एवं पेट्रोरसायन उद्योग के चालक:-
मज़बूत आर्थिक विकास, दुनिया की दूसरी सर्वाधिक आबादी, शहरीकरण में तेज़ी और औद्योगिक माँग में भारी वृद्धि भारतीय रासायनिक और पेट्रोरसायन उद्योग के विकास के लिये प्रमुख चालक हैं।
अतः अब भारत में प्लास्टिक की मांग में वर्ष 2013-14 से वर्ष 2017-18 के बीच 8.9% की औसत दर वृद्धि हुई है। वर्ष 2022-23 तक यह मांग 24 मिलियन टन और वर्ष 2027-28 तक 35 मिलियन टन तक पहुँचने की उम्मीद है।
संगठित और असंगठित क्षेत्र में लगभग 50,000 से अधिक प्रसंस्करण इकाइयाँ हैं तथा प्रसंस्करण क्षमता प्रति वर्ष 45.1 मिलियन टन होने का अनुमान है।
यह प्रसंस्करण क्षमता 8.8% CAGR (Compound Annual Growth Rate) की दर से बढ़ रही है और प्रसंस्करण उद्योग की क्षमता वर्ष 2022-23 तक 62.4 मिलियन टन एवं वर्ष 2027-28 तक 86 मिलियन टन तक बढ़ाने के लिये 10 अरब डॉलर का निवेश किये जाने की उम्मीद है।
स्रोत: पी.आई.बी.
By - Admin
गंगा डाल्फिन और उससे जुड़े अधिनियम