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ब्रिटिश भारत में वायसराय या गवर्नर जनरल

By - Gurumantra Civil Class

At - 2024-09-04 22:37:08

भारत के वायसराय (1858 के अधिनियम के द्वारा)

• 1857 के विद्रोह के परिणामस्वरूप 1858 का अधिनियम पारित किया गया।

• इसके तहत गवर्नर जनरल को अब वायसराय कहा जाने लगा। यह विद्रोह कैनिंग के समय ही हुआ था। अर्थात कैनिंग को ही भारत का पहला वायसराय बनाया गया।

1. लॉर्ड कैनिंग (1856-62) –

• लॉर्ड कैनिंग अंग्रेजी ईस्ट इण्डिया कम्पनी का अन्तिम गवर्नर-जनरल तथा ब्रिटिश सम्राट के अधीन प्रथम वायसराय था।

• इसके समय में ही 1857 ई. का महत्वपूर्ण विद्रोह हुआ।

• 1858 ई. में महारानी विक्टोरिया की उद्घोषणा द्वारा भारत में ईस्ट इण्डिया कम्पनी के शासन की समाप्ति की गई।

• बिहार, आगरा तथा मध्य प्रान्त में 1859 ई. का किराया अधिनियम लागू हुआ।

• भारतीय उच्च न्यायालय अधिनियम, 1861 ई. के अन्तर्गत कलकत्ता, बम्बई तथा मद्रास में एक-एक उच्च न्यायालयों की स्थापना की गई।

• सैन्य सुधारों के अन्तर्गत कैनिंग ने भारतीय सैनिकों की संख्या घटाते हुए तोपखाने के अधिकार को उनके हाथों से छीन लिया।

• वुइस डिस्पैच की सिफारिशों के आधार पर 1857 ई. में लन्दन विश्वविद्यालय की तर्ज पर कलकत्ता, बम्बई तथा मद्रास में विश्वविद्यालय स्थापित किए गए।

• आर्थिक सुधारों के अन्तर्गत कैनिंग ने ब्रिटिश अर्थशास्त्री विल्सन को भारत बुलाया तथा ₹ 500 से अधिक आय पर आयकर लगा दिया।

• विधवा पुनर्विवाह अधिनियम, 1856 ई. में व भारतीय दण्ड संहिता की स्थापना 1861 ई. में कैनिंग के ही समय में हुई।

• इसके काल में ही नमक पर कर लगाए जाने का सुझाव रखा गया।1857 में कलकत्ता, बम्बई और मद्रास विश्वविद्यालय की स्थापना लंदन विश्वविद्यालय की तर्ज पर की गयी।

• 1858 की महारानी विक्टोरिया की घोषणा के बाद कंपनी का शासन समाप्त कर ब्रिटिश क्राउन को सौंप दिया गया।

• ब्रिटिश अर्थशास्त्री विल्सन की सलाह पर भारत में पहली बार 500 रूपये से अधिक आय पर आयकर लगा दिया गया।

• कैनिंग के समय ही विधवा पुनर्विवाह अधिनियम 1856 पास हुआ।

• कैनिंग के समय ही भारतीय दण्ड संहिता (IPC) की स्थापना हुयी।

2. लॉर्ड एल्गिन (1862-63) –

• इसने बहाबियों के आंदोलन को दबाने में सफलता हांसिल की।

• भारत में आने से पूर्व वह कनाडा तथा जमैका के गवर्नर के रूप में भी कार्य कर चुका था।

• उसके कार्यकाल में वहाबियों का विद्रोह हुआ। उसे वहाबियों के आन्दोलन को दबाने में सफलता प्राप्त हुई। सर्वोच्च एवं सदर न्यायालयों को उच्च न्यायालय के साथ शामिल कर दिया गया।

• लॉर्ड एल्गिन ने बनारस, कानपुर, आगरा तथा अम्बाला में अनेक दरबार आयोजित किए। इन दरबारों का उद्देश्य भारतीय रियासतों को ब्रिटिश सरकार के समीप लाना था।

• इसकी मृत्यु धर्मशाला (तत्कालीन पंजाब )में ही हो गयी।

3. सर जॉन लॉरेंस (1864-68) –

• 1865 में भारत एवं यूरोप के बीच पहली समुद्री टेलीग्राफ सेवा शुरू की।

• इसने भूटान को युद्ध में पराजित किया और संधि की।

• सर जॉन लॉरन्स को “भारत का रक्षक तथा विजय का संचालक कहा जाता है।”

• पंजाब को अंग्रेजी राज्य में मिलाए जाने के पश्चात वह चीफ कमिश्नर नियुक्त किया गया।

• अफगानिस्तान के सन्दर्भ में उसने अहस्तक्षेप की नीति का पालन किया तथा तत्कालीन शासक शेर अली से दोस्ती की।

• 1865 ई. में भूटानियों ने ब्रिटिश साम्राज्य पर आक्रमण कर दिया।

• उसके समय में 1866 ई. में उड़ीसा में तथा 1868-69 ई. में बन्देलखण्ड एवं राजपूताना में भीषण अकाल पड़ा।

• सर जॉर्ज कैम्पबेल के नेतृत्व में अकाल आयोग नियुक्त किया गया, जो अकालों का मुकाबला करने के सबसे सफल उपायों पर विचार कर सके।

• इसी के काल में 1868 ई. में पंजाब तथा अवध के काश्तकारी अधिनियम पारित हुए थे।

4. लॉर्ड मेयो (1869-72) –

• इसी के काल में भारत में सर्वप्रथम जनगणना हुयी।

• इसके काल में 1872 में पंजाब में कूका आंदोलन हुआ।

• 1872 में अजमेर में मेयो कॉलेज की स्थापना की।

• लॉर्ड मेयो ने भारत में वित्त के विकेन्द्रीकरण को आरम्भ किया। उसने बजट घाटे को कम किया, आयकर की दर को 1% से बढ़ाकर 2.5% कर दिया।

• 1870 ई. में लाल सागर होकर तार व्यवस्था का प्रारम्भ किया।

• अखिल भारतीय जनगणना का पहला प्रयास 1872 ई. में किया गया।

• 1872 ई. में उसने एक कृषि विभाग की स्थापना की।

• ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया के द्वितीय पुत्र ड्यूक ऑफ एडिनबरा ने लॉर्ड मेयो के कार्यकाल में ही 1869 ई. में भारत यात्रा की थी।

• लॉर्ड मेयो के काल से ही राज्य रेलवे स्थापना की शुरुआत की गई।

• मेयो ने भारतीय नरेशों के बालकों की शिक्षा के लिए अजमेर में मेयो कॉलेज की स्थापना की।

• अण्डमान द्वीप में 1872 ई. में एक पठान ने लॉर्ड मेयो की हत्या कर दी।

• पोर्ट ब्लेयर में इसकी हत्या कर दी गयी।

5. लॉर्ड नार्थ ब्रुक (1872-76) –

• इसी के समय 1875 में अलीगढ में सर सय्यद अहमद खां द्वारा मोहम्डन एंग्लो ओरियंटल कॉलेज की स्थापना की गई।

• नार्थब्रुक द्वारा इसमें 10000 रूपये दान दिए गए।

• 1873 ई. में उसने अफगानिस्तान के राजदूत से बातचीत की, किन्तु अपनी ओर से कुछ भी आश्वासन देने से इन्कार कर दिया।

• 1876 ई. में उसने त्याग-पत्र दे दिया, क्योंकि अफगानिस्तान की नीति के सम्बन्ध में उसके विचार डिजरैली को सरकार से नहीं मिलते थे।

• इसके समय में पंजाब का प्रसिद्ध कूका आन्दोलन हुआ।

• 1873-74 ई. में बिहार में तथा बंगाल के एक भाग में अकाल पड़ा।

• लोगों के कष्टों को कम करने के लिए बहुत-सा रुपया व्यय किया गया।

• 1875 ई. में अलीगढ़ में सैयद अहमद खाँ द्वारा मोहम्मडन एंग्लो ओरियण्टल कॉलेज की स्थापना तथा नॉर्थब्रुक द्वारा उसे ₹ 10000 दान दिया गया।

• लॉर्ड नॉर्थब्रक के समय प्रिन्स ऑफ वेल्स (किंग एडवर्ड सप्तम) भारत आए।

• इसके समय में बड़ौदा के राजा मल्हार राव गायकवाड़ को भ्रष्टाचार एवं कुशासन का आरोप लगाकर सिंहासन से हटाकर उसके भाई के दत्तक पुत्र को 1875 ई. में राजा बना दिया गया।

6. लॉर्ड लिटन (1876-80) –

• साहित्य की दुनिया में “ओवन मैरिडिथ” के नाम से प्रसिद्द ये एक महान कवि, उपन्यासकार और निबंधकार थे।

• 1878 में रिचर्ड स्ट्रेची की अध्यक्षता में प्रथम अकाल आयोग की स्थापना की गयी।

• राज उपाधि अधिनियम 1876 के तहत महारानी विक्टोरिया को कैसर ए हिन्द की उपाधि दी गयी।

• 1 जनवरी 1877 को प्रथम दिल्ली दरवार का आयोजन किया गया।

• वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट 1878 के तहत भारतीय भाषा के समाचार पत्रों पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया।

• सिविल सेवा परीक्षा की आयु 21 वर्ष से घटाकर 19 वर्ष कर दी गयी।

• 1878-80 में द्वितीय अफगान युद्ध हुआ।

• 1876 – 78 ई. में मदास, बम्बई, मैसूर, हैदराबाद, पंजाब, मध्य भारत के कुछ भागों में भारी अकाल पड़ा।

• अकाल के कारण लभग 50 लाख लोग काल के ग्रास बन गए। लिटन ने अकाल के कारण की जाँच के लिए रिचर्ड स्ट्रेची की अध्यक्षता में अकाल आयोग की स्थापना की। इस आयोग ने प्रत्येक प्रान्त में अकाल कोष बनाने की सलाह दी।

• अकाल की भयानक स्थिति के बाद दिल्ली में 1 जनवरी, 1877 को ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया को कैसर-ए-हिन्द की उपाधि से सम्मानित करने के लिए दिल्ली दरबार का आयोजन किया गया।

• लॉर्ड लिटन के काल में अंग्रेजी संसद ने, महारानी विक्टोरिया को कैसर-ए-हिन्द की उपाधि देने के लिए राज उपाधि अधिनियम, 1876 पारित किया था।

• लॉर्ड लिटन ने मुक्त व्यापार नीति का अनुसरण किया। उसने 29 वस्तुओं पर से आयात कर हटा दिया।

• उसने सूती कपड़े पर 50% का कर हटाया, इसका परिणाम यह हुआ कि समुद्री व्यापार में आशातीत वृद्धि हुई।

• 1878 ई. अधिनियम द्वारा भारतीय भाषा में समाचार-पत्रों को प्रतिबन्धित कर दिया गया। इस अधिनियम को गलाघोंट अधिनियम भी कहा गया।

• 1878 ई. में लॉर्ड लिटन के समय में 11वें अधिनियम के द्वारा किसी भारतीय के लिए बिना लाइसेन्स शस्त्र रखना अथवा उसका व्यापार करना एक दण्डनीय अपराध मान लिया गया।

• लॉर्ड लिटन द्वारा 1879 ई. में वैधानिक नागरिक सेवा की स्थापना की गई। इसके द्वारा यह व्यवस्था की गई कि अब तक जिन पदों पर नियमित नागरिक सेवाओं के सदस्य काम करते थे, उन पर वायसराय तथा भारतीय मन्त्री द्वारा स्वीकृत व्यक्ति ही नियुक्त किए जायेंगे।

• लिटन ने भारतीय सिविल सेवा में भारतीयों के प्रवेश की अधिकतम आयु को 21 से घटाकर 19 वर्ष कर दिया।

• लिटन ने अलीगढ़ में एक मुस्लिम-एंग्लो प्राच्य महाविद्यालय की स्थापना की।

7. लॉर्ड रिपन (1880-84) –

• ये भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय गवर्नर जनरल थे।

• इसने नगर में नगरपालिका का गठन किया।

• इसने मैसूर को उसके पुराने शासक को बापस कर दिया।

• प्रथम व्यवस्थित जनगणना इसी के काल में 1881 में की गयी।

• इसी के काल में 1881 में पहला फैक्ट्री अधिनियम आया।

• 1882 में प्राथमिक शिक्षा से सम्बंधित हण्टर आयोग का गठन किया गया।

• 1882 में वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट को समाप्त कर दिया।

• इसी के समय 1884 में इलबर्ट बिल विवाद हुआ।

• इसी विवाद के कारन अपने कार्यकाल से पूर्व ही रिपन ने पद से त्यागपत्र दे दिया।

• रिपन ने शैक्षिक सुधारों के अन्तर्गत 1882 ई. में विलियम हण्टर के नेतृत्व में हण्टर कमीशन का गठन किया।

• आयोग की रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में प्राइमरी और माध्यमिक स्कूली शिक्षा की उपेक्षा की गई है, परन्तु विश्वविद्यालय की शिक्षा पर अपेक्षाकृत अधिक ध्यान दिया गया है।

• 1872 ई. में प्रथम जनगणना मेयो के शासनकाल में शुरू हुई, किन्तु प्रथम वास्तविक जनगणना रिपन के काल में 1881 ई. में हुई।

• रिपन के सुधार कार्यों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य स्थानीय स्वशासन की शुरूआत थी।

• इसके अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय बोर्ड गए गए, जिले में जिला उप. विभाग, तहसील बोर्ड बनाने की योजना बनी। नगरों में नगरपालिका का गठन किया गया एवं इन्हें कार्य करने की स्वतन्त्रता एवं आय प्राप्त करने के साधन उपलब्ध कराए गए।

• प्रथम फैक्ट्री अधिनियम लॉर्ड रिपन के समय में 1881 ई. में पारित हुआ।

• लॉर्ड रिपन ने अपने सुधार कार्यों के तहत सर्वप्रथम समाचार-पत्रों की स्वतन्त्रता को बहाल करते हुए 1882 ई. में वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट को समाप्त कर दिया।

• 1884 ई. में इल्बर्ट बिल विवाद रिपन के समय में हुआ।

• इल्बर्ट भारत सरकार का विधि सदस्य था। इल्बर्ट बिल विधेयक में फौजदारी दण्ड व्यवस्था में प्रचलित भेदभाव को समाप्त करने का प्रयास किया गया था।

• भारतीय न्यायाधीशों को इल्बर्ट विधेयक में यूरोपीय मुकदमों को सुनने का अधिकार दिया गया। भारत में रहने वाले अंग्रेजों ने इस बिल पर आपत्ति जताई, जिसके कारण रिपन को इस विधेयक को वापस लेकर संशोधन करके पुनः प्रस्तुत करना पड़ा ।

• इस विधेयक पर हुए वाद-विवाद के कारण ही रिपन ने कार्यकाल समाप्त होने से पूर्व त्याग-पत्र दे दिया।

• लॉर्ड रिपन ने स्वतन्त्र व्यापारिक नीति को पूर्ण किया।

• इस नीति को लॉर्ड नार्थ बुक तथा लिटन ने प्रारम्भ किया था। 1882 ई. में सम्पूर्ण भारत में नमक पर कर कम कर दिया गया।

8. लॉर्ड डफरिन (1884-88) –

• भारतीय स्त्रियों की रक्षा हेतु लेडी डफरिन फण्ड की स्थापना की।

• 1885 में बर्मा के तीसरे युद्ध में बर्मा को जीतकर ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया।

• 1887 में इलाहबाद विश्वविद्यालय की स्थापना की।

• डफरिन के काल की महत्वपूर्ण घटना तृतीय आंग्ल-बर्मा युद्ध (1885-88 ई.) था।

• इस युद्ध में बर्मा पराजित हुआ।

• 1885 ई. में बंगाल में टेनेन्सी एक्ट पारित हुआ, जिसके अन्तर्गत अब जमींदार अपनी इच्छानुसार किसानों की भूमि नहीं छीन सकते थे।

• डफरिन के काल में 1887 ई. में इलाहाबाद विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। उसी के काल में 1885 ई. में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई।

9. लॉर्ड लेंसडाउन (1888-94) –

• 1889 में प्रिंस ऑफ़ वेल्स का आगमन इसी के काल में हुआ।

• 1891 में दूसरा फैक्ट्री अधिनियम पारित हुआ।

• 1893 में भारत और अफगानिस्तान के बीच डूरंड रेखा का निर्धारण किया गया।

• लॉर्ड लैंसडाउन के काल में कश्मीर के महाराजा प्रताप सिंह द्वारा राजगद्दी का परित्याग एवं प्रिन्स ऑफ वेल्स का दूसरी बार भारत आगमन हुआ।

• इसी के काल में 1891 ई. में दूसरा फैक्ट्री अधिनियम पारित हुआ। 1892 ई. इण्डियन काउन्सिल एक्ट पारित किया गया, जिसके द्वारा भारत में निर्वाचन का सिद्धान्त आरम्भ हुआ।

• लैंसडाउन के समय में सर इण्ड की अध्यक्षता में एक शिष्टमण्डल अफगानिस्तान भेजा गया। उनके प्रयास से भारत और अफगानिस्तान के मध्य सीमा का निर्धारण हुआ, जिसे इण्ड रेखा के नाम से जाना जाता है।

• मणिपुर में हुए विद्रोह को दबाने का श्रेय भी लॉर्ड लैंसडाउन को जाता है। लॉर्ड लैंसडाउन के काल में भारतीय रियासतों की सेनाओं को संगठित करके उन्हें साम्राज्य सेवा सेना नाम दिया गया था।

10. लॉर्ड एल्गिन द्वितीय (1894-99) –

• इसने घोषणा की “हमने भारत को तलवार के बल पर जीता है और तलवार के बल पर ही इसे अधीन रखेंगे”

• इसी समय बम्बई में प्लेग फ़ैल गया।

• स्वामी विवेकानद द्वारा वेल्लूर में रामकृष्ण मिशन और मठ की स्थापना की गयी।

• 1896 ई. तथा 1898 ई. के मध्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार तथा पंजाब के हिसार जिले में भयंकर अकाल पड़ा।

• 1898 ई. में अकालों के सम्बन्ध में जाँच के लिए सर जेम्स लायल की अध्यक्षता में एक आयोग नियुक्त किया गया।

• लॉर्ड एल्गिन द्वितीय के काल में स्वामी विवेकानन्द द्वारा वेल्लूर में रामकृष्ण मिशन और मठ की स्थापना हुई।

• इसके समय में भारत सरकार को अफीम की उत्पत्ति की समस्या के सम्बन्ध में भी कार्रवाई करनी पड़ी

• 1893 ई. में एक अफीम आयोग नियुक्त किया गया था, जिसका काम अफीम के प्रयोग से जनता के स्वास्थ्य पर प्रभाव के सम्बन्ध में जाँच करना था।

• बम्बई में 1897 ई. में पूना में चापेकर बन्धुओं ने आयर्स्ट तथा रैण्ड नामक अंग्रेज अधिकारियों की हत्या कर दी।

• एल्गिन ने भारत के विषय में कहा था कि ‘भारत को तलवार के बल पर विजित किया गया है, और तलवार के बल पर ही इसकी रक्षा की जाएगी।’

11. लॉर्ड कर्जन (1899-1905)-

• यह भारत का सर्वाधिक अलोकप्रिय प्रशासक साबित हुआ।

• यह इतिहास एवं पुरातत्व का विद्वान था।

• इसने भारत में प्राचीन स्मारकों की मरम्मत हेतु 50 हजार पौण्ड निश्चित किया।

• इसके काल की सबसे महत्वपूर्ण घटना 1905 का बंगाल का प्रथम विभाजन था।

• 1902 में सर टॉमस रैले की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय आयोग का गठन किया गया।

• 1903 में इसने पुलिस विभाग में CID (Criminal Investigation Department) की स्थापना की।

• 1903 में इसने कहा था, वायसराय पद से निवृत्त होने के बाद वह कलकत्ता निगम का महापौर बनाना पसंद करेगा।

• कर्जन ने नए प्रान्त उत्तर-पश्चिम सीमा प्रान्त का गठन किया। उसने तिब्बत के गुरु दलाईलामा पर रूस की ओर झुकाव का आरोप लगाकर तिब्बत में हस्तक्षेप किया।

• 1903 ई. में कर्नल यंग हसबैण्ड के नेतृत्व में गई सेना ने तिब्बतियों से सन्धि की, जिसके परिणामस्वरूप तिब्बत ने 11 लाख वार्षिक दर से ₹75 लाख युद्ध क्षतिपूर्ति के रूप में देना स्वीकार तो कर लिया, परन्तु इसकी जमानत के रूप में भारत सरकार ने भूटान एवं सिक्किम के बीच स्थित चुम्बी घाटी पर 75 वर्षों के लिए अपना अधिकार कर लिया।

• लॉर्ड कर्जन ने सर थॉमस रैले के अधीन 1902 ई. में विश्वविद्यालयों में आवश्यक सुधारों हेतु सुझाव देने के लिए एक आयोग का गठन किया।

• आयोग की सिफारिश के आधार पर 1904 ई. में भारतीय विश्वविद्यालय विधेयक पारित किया गया।

• कर्जन ने 1902 ई. में सर एण्ड्यू फ्रेजर की अध्यक्षता में एक पुलिस आयोग गठित किया, ताकि प्रत्येक प्रान्त के पुलिस प्रशासन की जाँच-पड़ताल की जा सके।

• 1903 ई. में पुलिस विभाग में CID (Criminal Investigation Department) की स्थापना की गई।

• लॉर्ड कर्जन ने सभी विभागों को प्रेरित किया कि वे निजी परामर्श के द्वारा अपने कार्य को निपटा लिया करें, लम्बे मतभेदों से बचकर नोट आदि लिखने की परिपाटी तथा निर्णयों तक पहुँचने में होने वाली देर से बचें।

• अकाल के समय लॉर्ड कर्जन ने स्वयं संकटग्रस्त क्षेत्रों का भ्रमण किया तथा प्रत्येक क्षेत्र में सहायता के लिए कहा।

• मैक्डोनॉल्ड की अध्यक्षता में एक आयोग की नियुक्ति हुई, जिसका कार्य अकाल-सहायता की व्यवस्था को योग्यतापूर्वक चलाने के सम्बन्ध में सिफारिशें करना था।

• कर्जन ने कृषि बैंक तथा सहकारी समितियों की स्थापना की, ताकि कृषकों को साहूकारों के अत्याचारों से बचाया जा सके।

• उसने बंगाल में कृषि अनुसन्धान संस्था स्थापित की, जिससे कषि की मौलिक समस्याओं को हल करने में सहायता प्रदान की जाए।

• 1901 ई. में भारत में सिंचाई की समस्या का अध्ययन करने के लिए एक आयोग की नियुक्ति हुई। सर कॉलिन स्कॉट मानक्रीफ को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

• 1904 ई. में सहकारी उधार समिति अधिनियम पेश हुआ, जिसमें कम व्याज दर पर उधार की व्यवस्था की गई।

• इसके अतिरिक्त एक साम्राज्यीय कृषि विभाग स्थापित किया गया, जिसमें कृषि, पशुधन एवं कृषि के विकास के लिए वैज्ञानिक प्रणाली के प्रयोग को प्रोत्साहित किया गया।

• लॉर्ड कर्जन ने भारत में रेलों की पद्धति के सम्बन्ध में रिपोर्ट करने के लिए सर थॉमस रॉबर्टसन को नियुक्त किया। उसने सम्पूर्ण पद्धति के पूर्ण परिवर्तन की सिफारिश की। उसने वाणिज्य उपक्रम के आधार पर रेल लाइनों के विकास पर बल दिया।

• कर्जन ने ‘कलकत्ता निगम अधिनियम, 1899 ई.’ के द्वारा चुने जाने वाले सदस्यों की संख्या में कमी कर दी, परन्तु निगम एवं उसकी समितियों में अंग्रेज लोगों की संख्या बढ़ा दी गई।

• परिणाम यह हुआ कि कलकत्ता नगर निगम मात्र एक एंग्लो-इण्डियन सभा के रूप में ही रहा गया।

• 1900 ई. में लॉर्ड किचनर भारत का सेनाध्यक्ष बनकर आया। यह अत्यन्त महत्वाकांक्षी व्यक्ति था। देशी नरेशों के राजकुमारों के सैनिकों के लिए उसने इम्पीरियल कैडेट कोर की स्थापना की।

• किचनर से विवाद के कारण 1905 ई. में कर्जन ने त्याग-पत्र दे दिया।

• राष्ट्रीय आन्दोलन को दबाने व कमजोर करने के उद्देश्य से कर्जन ने 1905 ई. में बंगाल को दो भागों में बाँट दिया। पूर्वी बंगाल तथा असम का एक नया प्रान्त बनाया गया, जिसमें पुराने बंगाल के 15 जिलों में असम तथा चटगाँव को मिला दिया गया। इस नए प्रान्त का क्षेत्रफल 106,000 वर्गमील तथा जनसंख्या लगभग 310 लाख लगभग थी।

• कर्जन का यह विभाजन फूट डालो और राज करो की नीति पर आधारित था। उसने इस कार्य के द्वारा हिन्दू और मुसलमानों में मतभेद करने का प्रयत्न किया, परन्तु इस विभाजन के विरोध में इतनी आवाजें उठी कि 1911 ई. में इस विभाजन को समाप्त करने की घोषणा करनी पड़ी, जो 1912 ई. में कार्य रूप में परिणत हुआ।

• भारत का गवर्नर-जनरल बनने से पहले कर्जन ने भारत के उपमन्त्री के रूप में कार्य किया था।

• उसने छ: वर्ष भारत में व्यतीत किए। भारत में वायसराय के रूप में लॉर्ड कर्जन का कार्यकाल काफी उथल-पुथल भरा रहा है।

12. लॉर्ड मिण्टो द्वितीय (1905-10) –

• इसके काल की महत्वपूर्ण घटना 1906 में ढाका में मुस्लिम लीग की स्थापना थी।

• इसी के काल में 1907 के कांग्रेस के सूरत अधिवेशन में कांग्रेस का विभाजन हुआ।

• 1907 में एनी बेसेंट द्वारा थियोसोफिकल सोसाइटी की अध्यक्षता की गयी।

• 1909 को लंदन में मदन लाल ढींगरा द्वारा कर्जन वायली की हत्या।

• लॉर्ड मिण्टो द्वितीय के समय की एक महत्वपूर्ण घटना 1907 ई. का आंग्ल-रूसी प्रतिनिधि सम्मेलन है। इसके द्वारा इंग्लैण्ड तथा रूस के मध्य सभी शेष मतभेद सुलझा लिए गए तथा दोनों देश एक-दूसरे के समीप आ गए।

• मुस्लिम लीग का गठन (1906 ई.)

• 1906 ई. में कलकत्ता अधिवेशन में कांग्रेस द्वारा अपना लक्ष्य स्वराज घोषित किया गया।

• खुदीराम बोस को फाँसी, तिलक को 6 वर्ष का कारावास।

• समाचार-पत्र अधिनियम (प्रेस एक्ट), 1908 पारित।

• चीन के साथ अफीम का व्यापार बन्द किया गया।

• मार्ले-मिण्टो सुधार या इण्डियन काउन्सिल एक्ट, 1909 पारित।

13. लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय (1910-16) –

• इसी के समय 1910 में इंग्लैंड के राजा एडवर्ड तृतीय की मृत्यु और जॉर्ज पंचमं का राज्याभिषेक हुआ।

• 1911 के तृतीय दिल्ली दरबार में जॉर्ज पंचम के राज्याभिषेक की घोषणा और बंगाल विभाजन निरस्त हुआ।

• इसके अतिरिक्त राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरण की घोषणा की गयी।

• ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम ने 1911 ई. में भारत की यात्रा की। दिल्ली में एक भव्य दरबार का आयोजन 12 दिसम्बर, 1911 ई. को हुआ।

• 1912 में राजधानी का स्थानांतरण और लॉर्ड हार्डिंग की हत्या का प्रयास किया गया।

• इसी वर्ष दिल्ली को प्रान्त बनाये जाने की घोषणा की।

• इसी के समय प्रथम विश्व युद्ध प्रारम्भ हो गया।

• महात्मा गाँधी जी की भारत वापसी – 1915

• 1916 में मदन मोहन मालवीय द्वारा बनारस विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी।

• असम का शासन पृथक् रूप से एक मुख्य आयुक्त के अधीन कर दिया गया।

• 23 दिसम्बर, 1912 ई. को दिल्ली में अधिकृत रूप से प्रवेश करते समय लॉर्ड हॉर्डिंग पर बम फेंका गया, जिसमें वह घायल हुआ।

• 1916 ई. में लॉर्ड हॉर्डिंग द्वितीय को ‘बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय’ का कुलाधिपति नियुक्त किया गया।

• 1913 ई. में ब्रिटिश शासन द्वारा शैक्षिक सुधार सम्बन्धी प्रस्ताव।

• 4 अगस्त, 1914 ई. को प्रथम विश्वयुद्ध का प्रारम्भ।

14. लॉर्ड चेम्सफोर्ड (1916-21) –

• इसके समय की सबसे महत्वपूर्ण घटना 13 अप्रैल 1919 को हुआ जलियाँवाला बाग़ हत्याकांड थी।

• इसी के समय खिलाफत और असहयोग आंदोलन की शुरुवात हुयी।

• होमरूल लीग की स्थापना इसी के समय हुयी।

• 1916 में डी के कर्वे द्वारा पूना में महिला विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी।

• कलकत्ता विश्वविद्यालय की जांच के लिए 1917 में सैडलर आयोग की नियुक्ति की गयी।

• 1919 का रौलेट एक्ट पारित हुआ।

• इसी के समय प्रांतो में द्वैध शासन की स्थापना हुयी।

• पहली बार भारतीयों को ब्रिटिश सेना के कमीशण्ड पदों हेतु सक्षम माना गया।

• 1917 ई. में शिक्षा पर सैडलर आयोग की नियुक्ति।

• 1919 ई. का रॉलेट एक्ट पारित हुआ।

• प्रसिद्ध जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड 13 अप्रैल, 1919 को हुआ।

• भारत सरकार अधिनियम, 1919 ई. लाया गया।

• खिलाफत आन्दोलन, गाँधीजी के सत्याग्रह की शुरुआत, तृतीय अफगान युद्ध।

• एस. पी. सिन्हा बिहार के लेफ्टिनेण्ट गवर्नर बने। इस पद पर पहुंचने वाले वे प्रथम भारतीय थे।

• अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना ।

• गाँधीजी द्वारा असहयोग आन्दोलन की शुरूआत (1 अगस्त, 1920 ई.)।

• प्रथम विश्वयुद्ध के समय लॉर्ड चेम्सफोर्ड भारत में गवर्नर-जनरल के रूप में आने से पूर्व आस्ट्रेलिया के एक राज्य में काम कर चुका था।

15. लॉर्ड रीडिंग (1921-26) –

• केरल में मोपला विद्रोह की शुरुवात हुयी।

• प्रिंस ऑफ़ वेल्स ने भारत की यात्रा की।

• 9 अगस्त 1925 काकोरी षणयंत्र केस हुआ।

• आर्यसमाजी नेता श्रद्धानन्द की हत्या कर दी गयी।

• भारत आने वाला वह एकमात्र यहूदी वायसराय था।

• यह इंग्लैण्ड में उच्च न्यायाधीश जैसे सर्वोच्च पद पर भी पहुँचा था।

• एकवर्थ कमीशन की अनुशंसा पर रेल बजट को आम बजट से अलग किया गया।

• सैन्य सुधारों के लिए इण्डियन सैण्डहर्स्ट समिति का गठन किया गया।

• वर्ष 1924 ई. में लोक सेवा के लिए ली आयोग का गठन किया गया, जिसकी अनुशंसा पर भारत में लोक सेवा आयोग का गठन किया गया।

• मुडीमैन समिति की रिपोर्ट को लॉर्ड रीडिंग के काल में सार्वजनिक किया या।

• 1924 ई. में कानपुर में अखिल भारतीय साम्यवादी दल का गठन किया गया था।

 

16. लॉर्ड इरविन (1926-31) –

• इसके समय में साइमन कमीशन की नियुक्ति हुयी।

• गाँधी जी ने 12 मार्च 1930 को डांडी यात्रा प्रारम्भ की।

• 1928 में कृषि से सम्बंधित रॉयल कमीशन की नियुक्ति हुयी।

• 8 अप्रैल 1929 को भगतसिंह और बटुकेश्वर दत्त द्वारा दिल्ली की सेन्ट्रल असेम्बली में बम फेंका गया।

• 8 नवम्बर, 1927 ई. को ब्रिटेन में साइमन आयोग की नियुक्ति हुई। इसके कार्यकाल में 1928 ई. में साइमन कमीशन भारत आया।

• 1928 ई. में मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया। इस समिति की रिपोर्ट को नेहरू रिपोर्ट नाम दिया गया।

• नेहरू रिपोर्ट के विरोध में 1929 ई. में जिन्ना ने अपनी 14 सूत्रीय माँग प्रस्तुत की।

• 1928 ई. में रॉयल कमीशन की (कृषि सम्बन्धित) नियुक्ति।

• 1929 ई. में ‘इम्पीरियल काउन्सिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च’ की स्थापना हुई।

• 31 दिसम्बर, 1929 ई. को कांग्रेस ने अपने लाहौर अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज्य’ की घोषणा की।

• 26 जनवरी, 1930 ई. को सम्पूर्ण देश में स्वतन्त्रता दिवस का आयोजन।

• 12 मार्च, 1930 ई. को गांधीजी द्वारा सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारम्भ किया गया।

• साइमन कमीशन की रिपोर्ट पर विचार करने के लिए लन्दन में प्रथम गोलमेज सम्मेलन का आयोजन।

• 5 मार्च, 1931 ई. को गाँधी-इरविन समझौता।

17. लॉर्ड विलिंगटन (1931-36) –

• भारत में गवर्नर-जनरल के रूप में नियुक्त होने से पहले विलिंग्टन बम्बई तथा मद्रास के गवर्नर के रूप में भी कार्य कर चुका था।

• इसके कार्यकाल में ही 1 सितम्बर से दिसम्बर, 1931 ई. तक द्वितीय गोलमेज सम्मेलन का आयोजन लन्दन में हुआ।

• इस सम्मेलन में गांधीजी ने कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया, परन्तु साम्प्रदायिक समस्या के बारे में कोई समझौता न हो सका।

• अगस्त, 1932 ई. में रैम्जे मैकडोनॉल्ड ने प्रसिद्ध साम्प्रदायिक निर्णय की घोषणा कर दी।

• इसके समय की सबसे महत्वपूर्ण घटना 1935 का भारत शासन अधिनियम थी।

• इसी अधिनियम के तहत वायसराय को पुनः गवर्नर जनरल कहा जाने लगा।

• 16 अगस्त 1932 की घोषणा में मैकडोनाल्ड एवार्ड की घोषणा की गयी।

• 1934 में सविनय अवज्ञा आंदोलन का समापन।

• 21 जनवरी 1936 को जॉर्ज पंचम की मृत्यु और एडवर्ड अष्टम का राज्यारोहण।

• यरवदा जेल में बन्द महात्मा गाँधी ने उसका दृढ़ विरोध किया। फलस्वरूप पूना समझौते पर हस्ताक्षर हुए तथा इस समझौते ने दलित जातियों के प्रश्न पर साम्प्रदायिक निर्णय में परिवर्तन कर दिया।

• तृतीय गोलमेज सम्मेलन का दिसम्बर, 1932 ई. में आयोजन ।

• 1932 ई. में इण्डियन मिलिट्री एकेडमी, देहरादून की स्थापना।

• कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली द्वारा पाकिस्तान शब्द का प्रयोग।

• 1935 ई. में भारत सरकार का अधिनियम स्वीकृत।

• 1935 ई. में बर्मा का भारत से अलग होना।

• 1936 ई. में अखिल भारतीय किसान सभा का गठन।

• 1936 ई. में बिहार तथा क्वेटा में भूकम्प आया।

18. लॉर्ड लिनलिथगो (1936-44) –

• 22 दिसंबर 1939 को मुस्लिम लीग ने मुक्ति दिवस के रूप में मनाया।

• 1939 में सुभाष चंद्र बोस ने फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया।

• मई 1940 में विंस्टन चर्चिल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने।

• 1942 में क्रिप्स मिशन भारत आया।

• 1943 में सिंगापुर में आजाद हिन्द फ़ौज का गठन हुआ।

• भारत सरकार के 1935 ई, के अधिनियम का ढाँचा बनाने में उसका महत्वपूर्ण योगदान था। उसे उस कानून को क्रियान्वित करने के लिए भारत भेजा गया था, जिसके निर्माण में उसने सहायता की थी।

• 1935 ई. के अधिनियम के अन्तर्गत पहला आम चुनाव 1936-37 ई. में हुआ।

• 1 सितम्बर, 1939 ई. को द्वितीय विश्वयुद्ध का प्रारम्भ हुआ। इस युद्ध में भारतीयों का सक्रिय सहयोग प्राप्त करने के उद्देश्य से लॉर्ड लिनलिथगो ने भारतीय नेताओं के समक्ष अगस्त प्रस्ताव (8 अगस्त, 1940 ई.) रखा, जिसमें भारतीयों को प्रलोभित करने वाले अनेक प्रस्ताव थे।

• पहली बार 1940 ई. में पाकिस्तान की मांग की गई ।

• फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना।

• व्यक्तिगत सविनय अवज्ञा आन्दोलन का प्रारम्भ ।

• 1942 ई. में क्रिप्स मिशन भारत आया।

19. लॉर्ड वेवेल (1944-47) –

• 25 जून 1945 को वेवेल ने शिमला सम्मलेन बुलाया।

• 1945 में लेबर पार्टी के क्लीमेंट एटली ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने।

• नवंबर 1945 में आजाद हिन्द फ़ौज के सैनिकों पर लाल किले का मुक़दमा चला।

• 18 फरवरी 1946 को बम्बई में नौसैनिकों द्वारा विद्रोह।

• 19 फरवरी 1946 को केबिनेट मिशन की घोषणा हुयी।

• 24 मार्च 1946 को केबिनेट मिशन दिल्ली पहुंचा।

• जुलाई 1946 में संविधान सभा का गठन और 9 दिसंबर 1946 को इसकी प्रथम बैठक हुयी।

• 2 सितम्बर 1946 को जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हुआ।

• 20 फरवरी को क्लीमेंट एटली ने घोषणा की कि 30 जून 1948 तक भारतीयों को सत्ता का हस्तानांतरण कर दिया जाये।

• द्वितीय विश्वयुद्ध लॉर्ड वेवेल के काल में सफलतापूर्वक समाप्त हुआ।

• शिमला सम्मेलन वेवेल द्वारा बुलाया गया, परन्तु जिन्ना की हठधर्मिता के कारण असफल रहा।

• जब इंग्लैण्ड में मजदूरदल शक्ति में आया, तो भारत में प्रान्तीय विधानसभाओं के नए चुनाव कराने की आज्ञा दी गई। मार्च, 1946 ई. में एक मन्त्रिमण्डल दल, जिसमें लॉर्ड पैथिक लोरेन्स, सर स्टेफोर्ड क्रिप्स तथा ए.वी. एलेक्जेण्डर थे, भारत आया।

• इस योजना के अनुसार अन्तरिम सरकार की व्यवस्था की गई थी तथा भारत का संविधान बनाने के लिए कार्य-पद्धति पर विचार किया गया था।

• 1945 ई. में लेबर सरकार सत्ता में आई, जिसके प्रधानमंत्री क्लीमेण्ट एटली थे ।

• नवम्बर, 1945 ई. में आजाद हिन्द फौज के सैनिकों पर लाल किले में मुकदमा चला।

• बम्बई में 18 फरवरी, 1946 ई. को नौसैनिकों द्वारा विद्रोह।

• 16 अगस्त, 1946 ई. को मुस्लिम लीग द्वारा सीधी कार्यवाही दिवस का आयोजन।

• 2 सितम्बर, 1946 ई. को पण्डित नेहरू ने अन्तरिम सरकार बनाई।

• 9 दिसम्बर, 1946 ई. को संविधान सभा की प्रथम बैठक।

• तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लीमेण्ट एटली ने भारत को जून, 1948 ई. के पहले स्वतन्त्र करने की घोषणा की।

20. लॉर्ड माउंटबेटन (1947-48) –

• यह भारत में अंतिम अंग्रेज ब्रिटिश गवर्नर जनरल थे।

• 3 जून 1947 को माउंटबेटन योजना की घोषणा की गयी।

• इसी के तहत भारत का विभाजन होना था।

• 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्र कर दिया गया।

• 4 जुलाई, 1947 ई. को एटली द्वारा भारतीय स्वतन्त्रता विधेयक ब्रिटिश संसद में प्रस्तुत किया गया तथा 18 जुलाई, 1947 को ब्रिटिश संसद द्वारा पारित कर दिया गया।

• विधेयक के अनुसार भारत और पाकिस्तान नामक दो स्वतन्त्र राष्ट्रों के निर्माण की घोषणा की गई।

• माउंटबेटन को स्वतंत्र भारत का प्रथम गवर्नर जनरल बनाया गया।

21. चक्रवर्ती राजगोपालाचारी (1948-50) –

• ये भारत के अंतिम गवर्नर जनरल और एकमात्र भारतीय गवर्नर जनरल थे।

• 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होनें के बाद भारत में गणतंत्र की स्थापना हो गयी।

• डॉ राजेंद्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति बनाया गया तब गवर्नर जनरल के पद को समाप्त कर दिया गया।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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