78वां स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तैयारी करने वाले UPSC, BPSC, JPSC, UPPSC ,BPSC TRE & SI के अभ्यर्थीयों को 15 अगस्त 2024 तक 75% का Scholarship एवं 25 अगस्त 2024 तक 70% का Scholarship. UPSC 2025 और BPSC 71st की New Batch 5 September & 20 September 2024 से शुरु होगी ।

ग्रेट रेजिगनेशन : महान स्तीफा

By - Gurumantra Civil Class

At - 2024-01-18 22:31:36

महान इस्तीफा, जिसे बिग क्विट के रूप में भी जाना जाता है, एक आर्थिक प्रवृत्ति है जिसमें कर्मचारी स्वेच्छा से अपनी नौकरी से इस्तीफा दे देते हैं, जो कि 2021 की शुरुआत में मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में शुरू होता है।

 

कम वेतन, अव्यावहारिक कार्य समय-सीमा और खराब लीडरशिप या बॉस आदि से संबंधित समस्याओं ने ‘ग्रेट रेज़िगनेशन’ को और अधिक बढ़ा दिया है। इन श्रमिकों के पास अपने मौजूदा नियोक्ताओं से परे बाज़ार मूल्य मौजूद हैं और वे इससे अधिक बेहतर रोज़गार प्राप्त कर सकते हैं।
वे बेहतर नौकरी के अवसर प्राप्त करने या स्टार्ट-अप चुनने के लिये अपने अनुभव पर भरोसा करते हैं।. इसलिए वे बेहतर नौकरी के अवसर प्राप्त करने या स्टार्ट-अप चुनने के लिये अपने अनुभव पर भरोसा करते हैं।

हाल ही में देखा गया है कि कोविड-19 के बाद बड़ी संख्या में लोग "एंटीवर्क" के सिद्धांत को अपनाकर अपनी नौकरी से बाहर निकल रहे हैं विशेष कर अमेरिका और यूरोपीय देशों में।

यूएस ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स (BLS) के अनुसार भी अगस्त 2021 में रिकॉर्ड 4.3 मिलियन लोगों ने इस्तीफा दिया, जो जुलाई से 2,42,000 अधिक है। अमेरिकी मनोवैज्ञानिक एंथनी क्लॉट्ज़ ने इसे "ग्रेट रेज़िगनेशन" कहा है जो कार्य-जीवन समीकरण में प्राथमिकताओं को फिर से तैयार करने का आह्वान है।


कोविड के कारण प्रभाव -

  • सामाजिक सुरक्षा और बेरोज़गारी लाभ की अनुपस्थिति के कारण भारत में ऐसी कोई घटना नहीं देखी गई है।
  • नौकरियों से बाहर निकलने की विलासिता या विशेषाधिकार भारत में अधिकांश लोगों के लिये उपलब्ध नहीं था।
  • हालांकि ‘रिमोट वर्किंग’ या ‘वर्क फ्रॉम होम’ ने कॉरपोरेट्स और कर्मचारियों के लिये लचीले वर्क मॉडल को संभव बना दिया है।इससे टियर-2 और टियर-3 शहरों में लोगों की नौकरियाँ जा रही हैं। जिससे भारत की स्थानिक अर्थव्यवस्था में बदलाव आ रहा है।
  • साथ ही वर्क फ्रॉम होम ने बाज़ार में मांग संरचना में बदलाव को गति दी है।
  • इसके अलावा भारतीय आईटी और आईटीईएस क्षेत्रों में भी लोग अपनी नौकरी बदल रहे हैं।
  • कई स्टार्ट-अप यूनिकॉर्न बन गए हैं और कई थोक में काम पर रख रहे हैं तथा काफी अधिक भुगतान करने के लिये तैयार हैं।

 

कार्य से बाहर निकलने वालों में प्रमुख रूप से खुदरा और आतिथ्य क्षेत्र के वे कर्मचारी शामिल हैं जो नौकरी बदलने या अपने विकल्पों का पुनर्मूल्यांकन करने के इच्छुक थे।
मध्य और पूर्वी यूरोप के कई देशों ने कुशल श्रम शक्ति में गिरावट दर्ज की है।
हालांकि यह मज़बूत सामाजिक सुरक्षा जाल के कारण हो सकता है।
महामारी और लॉकडाउन के मध्य जीवित रहना और इसका सामना करना कई लोगों को ‘काम-मुक्त’ जीवन को एक व्यवहार्य विकल्प के रूप में देखने हेतु प्रेरित करता है।

हालांकि एक सामान्य आशंका यह भी है कि क्षमता निर्माण में पर्याप्त पूंजी आवंटन नहीं किया गया है।

 

स्त्रोत - इंडियन एक्सप्रेस , वीकीपीडीया

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