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भारत में जनसंख्या नियंत्रण के उपाय पर प्रकाश डालें - Answer writing for Mains Exam

By - Gurumantra Civil Class

At - 2024-01-09 21:37:42

प्रश्न :- हाल के दिनों में भारत में तेजी से बढ़ती जनसंख्या के कारण 'जनसंख्या नियंत्रण कानून' चर्चा का विषय बना हुआ है किंतु कुछ लोगों द्वारा इस कानून का विरोध भी किया जा रहा है। उन बिंदुओं पर प्रकाश डालें जिससे भारत में जनसंख्या नियंत्रण  किए जा सकते हैं।

उत्तर :-  विभिन्न विद्वानों ने राज्य के तत्व के संबंध में विभिन्न प्रकार के विचार व्यक्त किए हैं। जैसे विलोबी के अनुसार राज्य के तीन तत्व होते हैं - जनता, शासन तंत्र तथा संविधान। सिजविक के अनुसार राज्य के तीन आवश्यक तत्व है- सरकार, भूखंड और  जनता।  ब्लंटशली  के अनुसार राज्य के तत्व है- भूखंड, जनता, एकता और संगठन । वर्तमान समय में सर्वमान्य डॉक्टर गार्नर  के अनुसार राज्य के चार तत्व है -  जनसंख्या, भूखंड , सरकार और  प्रभुसत्ता जोकि गैटल भी मानते हैं । इन सारे विद्वानों  के द्वारा राज्य के लिए बताए गए आवश्यक तत्वों में असमानता  है किंतु इनमें एक सामान्य बात है कि इन सभी ने राज्य के लिए 'जनसंख्या' को आवश्यक तत्व माना है। अतः जनसंख्या राज्य के लिए बहुत ही आवश्यक तत्व है क्योंकि मनुष्य के सामाजिकता के गुण के आधार पर हैं राज्य का जन्म होता है और व्यक्तियों से मिलकर ही राज्य का निर्माण होता है।

 हालांकि एक राज्य के लिए कितनी जनसंख्या होनी चाहिए इस पर भी  विद्वानों का मत एक समान नहीं है। उदाहरण के लिए प्लेटो के अनुसार राज्य की जनसंख्या 5040 होनी चाहिए वही  रुसो के अनुसार 10000 होनी चाहिए।

वर्तमान समय में जनसंख्या की दृष्टि से भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है किंतु कई रिपोर्ट के अनुमान के अनुसार लगभग वर्ष 2050 तक भारत विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन जाएगा।  वहीं हाल के दिनों में चीन से आई एक रिपोर्ट के अनुसार भारत बहुत पहले ही विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन जाएगा। 

इन रिपोर्ट्स के कारण भारत में तेजी से बढ़ती जनसंख्या राजनीतिक चर्चा का विषय बन गया।  जहां एक वर्ग तेजी से बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए कानून बनाने की मांग करने लगे वही दूसरा वर्ग जनसंख्या नियंत्रण कानून को अपने अस्तित्व के लिए खतरा बताने लगे, जिस कारण देश में एक राजनीतिक मतभेद उत्पन्न हो गया । हालांकि भारत में संसद द्वारा जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं होने के बावजूद भी कई राज्य जनसंख्या नियंत्रण नीति को लेकर विभिन्न तरीके से कानून ला चुके हैं।  जैसे - मध्य प्रदेश, गुजरात ,राजस्थान,  महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश,  उत्तर प्रदेश उड़ीसा , उतराखंड और असम।

छात्र/छात्रा अपनी सुविधानुसार उपर्युक्त कथन को संक्षेप में लिख सकते हैं।उदाहरण के लिए राज्य के तत्वों को इतना विस्तार में ना लिखकर संक्षेप में भी प्रस्तुत कर सकते हैं।

जनसंख्या नियंत्रण किसी भी देश के लिए  बहुत ही महत्वपूर्ण रणनीति होती है। यहां सबसे आवश्यक होता है कि जन्म दर और मृत्यु दर के बीच के अंतर का संतुलन बनाए रखना क्योंकि जन्म दर यदि घट जाए तो भविष्य में देश की युवा आबादी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और वही जन्म दर बहुत ज्यादा बढ़ जाए तो देश में जनसंख्या विस्फोट की स्थिति बन सकती है। जब किसी देश की जनसंख्या अचानक बहुत अधिक बढ़ जाती है तो उन देशों में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। जैसे - बेरोजगारी, खाद्यान्न सुरक्षा, देश के संसाधनों पर अत्यधिक बोझ होना, अपराध बढ़ जाना, सामाजिक असंतुलन बनने की स्थिति हो जाना, इत्यादि ।


वर्तमान भारत में लगभग 60% युवा पीढ़ी की आबादी है। ऐसे में कई राजनीतिक, सामाजिक आर्थिक विचारकों का मानना है कि जनसंख्या नियंत्रण पर अच्छे से ध्यान ना दिया गया तो भविष्य में भारत में विशाल जनसंख्या समस्या बन सकती है। हालांकि एक लंबे समय से जनसंख्या नियंत्रण के लिए भारत सरकार कई तरह के प्रयास करते आ रहे हैं। जैसे-  जनसंख्या नीति 1994, जनसंख्या नीति 2000, परिवार नियोजन को बढ़ावा देना, इत्यादि। इन प्रयासों के बावजूद भारत में जनसंख्या वृद्धि दर सर्वाधिक है । भारत में जनसंख्या वृद्धि दर वार्षिक रूप से लगभग  दो करोड़ है जबकि विश्व में लगभग 8 करोड़ है।

अतः ऐसी स्थिति में जनसंख्या नियंत्रण के लिए अन्य उपायों पर भी ध्यान दिए जाने चाहिए जो निम्न प्रकार से दिए जा सकते हैं :-


1. महिलाओं के लिए विशेष प्रकार के कार्यक्रम चलाकर 
2. वरिष्ठ नागरिकों के सुरक्षा पर ध्यान देकर
3. मौलिक कर्तव्य के रूप में विद्यालयों में विशेष प्रकार के कार्यक्रम चलाकर
4. सरकार द्वारा विशेष लाभ देकर 
5. कुंठित मानसिकता के विरुद्ध जागरूकता अभियान चलाकर 
6. संसद द्वारा जनसंख्या नियंत्रण नीति लाकर

 

1. महिलाओं के लिए विशेष प्रकार के कार्यक्रम चलाकर -

वे महिलाएं जो एक या दो बच्चे में परिवार नियोजन को अपना लेती है, सरकार उन महिलाओं के लिए विशेष योजना प्रकार के लाभ देकर, जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक सार्थक प्रयास साबित हो सकती है। उदाहरण के लिए वैसी महिलाएं जो एक या दो बच्चे में परिवार नियोजन करती है सरकार उनके व्यावसाय शुरू करने के  लिए विशेष लोन का प्रावधान करें,  सरकारी नौकरी में विशेष प्रावधान दे, इत्यादि। इस प्रयास से ना केवल जनसंख्या नियंत्रण किया जा सकता है बल्कि महिलाओं की सामाजिक आर्थिक राजनीतिक स्थिति को भी मजबूत किया जा सकता है।

2. वरिष्ठ नागरिकों को सुरक्षा देकर -

भारत में एक लंबे समय से अवधारणा बनी आ रही है कि व्यक्ति के बूढ़े होने के बाद बेटा ही सहारा दे सकता है। इस कारण कई लोग बेटा की इच्छा में अपने बच्चे की संख्या बढ़ाते चले जाते हैं।  यदि सरकार प्रत्येक व्यक्ति के 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद उनकी आर्थिक, समाजिक, स्वास्थ्य, इत्यादि  सुरक्षा पर ध्यान दें एवं उनके लिए विशेष प्रकार के व्यवस्था करें तो यह अवधारणा बदला जा सकता है। हालांकि इसके लिए सरकार कई कार्यक्रम चलाए हुए हैं किंतु व्यापक रूप से यह अभी भी आम जनों तक नहीं पहुंच पाए हैं।

3. मौलिक कर्तव्य के रूप में विद्यालय में विशेष प्रकार के कार्यक्रम चलाकर –

42वें संविधान संशोधन द्वारा 1976 में स्वर्ण सिंह समिति रिपोर्ट  के अनुशंसा से भाग 4 क में अनुच्छेद 51'क'  के तहत मौलिक कर्तव्य जोड़ा गया । 1998 में बनी वर्मा समिति ने मौलिक कर्तव्य को लेकर बताया कि देश के नागरिक अभी भी मौलिक कर्तव्य से जुड़  नहीं पाए हैं एवं इसे नागरिकों में व्यापक रूप से जोड़ने के लिए विद्यालय में मौलिक कर्तव्य से संबंधित कार्यक्रम चलाया जाए। इसी प्रकार जनसंख्या नियंत्रण को एक मौलिक कर्तव्य के रूप में विद्यालय से ही बच्चों को इससे जोड़ा जाए तो जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक सकारात्मक विचारधारा बनाया जा सकता है।

4. सरकार द्वारा विशेष लाभ देकर -

वे लोग जो एक या दो बच्चे में परिवार नियोजन को अपनाते हैं उन्हें सरकार विशेष लाभ देकर, जनसंख्या नियंत्रण को प्रोत्साहित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए टैक्स में छूट देकर, नौकरी करने वाले को वेतन में विशेष लाभ देकर, एक या दो बच्चे में परिवार नियोजन अपनाने वालों के बच्चों को विशेष लाभ देकर।  हालांकि कई राज्य सरकार इस प्रकार के कार्यक्रम चला रहे हैं जिन्हें व्यापक तौर पर, राष्ट्रीय स्तर पर चलाने की जरूरत है।

5. कुंठित मानसिकता के विरुद्ध जागरूकता अभियान चलाकर- 

भारत में ऐसे कई लोग हैं जो जनसंख्या विस्फोट की समस्या को जानते हुए भी ना सिर्फ जनसंख्या नियंत्रण को लेकर असंवेदनशील है बल्कि जानबूझकर जनसंख्या वृद्धि को बढ़ावा देते हैं। ऐसे लोग कई तरह के मानसिकता वाले होते हैं इनमें से कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें लगता है कि अधिक जनसंख्या होने से उनके वर्ग के राजनीतिक शक्ति बढ़ जाएगी। ऐसे मानसिकता वाले लोगों को जागरूक करना जरूरी है कि राजनीतिक शक्ति केवल अधिक जनसंख्या से नहीं बल्कि एक आदर्श शिक्षा एवं मजबूत आर्थिक स्थिति से भी प्राप्त किया जा सकता है । वहीं भारत में कई लोग ऐसे भी हैं जिनकी यह मानसिकता है कि मोक्ष की प्राप्ति पुत्र से ही होती है, जबकि भारतीय ग्रंथ रामायण का अध्ययन करें तो देखते हैं कि राजा जनक को केवल दो पुत्रियां थी।  ऐसे कुंठित मानसिकता के विरुद्ध लोगों को जागरूक करके जनसंख्या नियंत्रण किया जा सकता है।

6. संसद द्वारा जनसंख्या नीति लाकर -

भारत में ऐसे कई राज्य हैं जिन्होंने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कई प्रकार के कानून लाए हुए हैं । जैसे पंचायती राज्य में चुनाव लड़ने से संबंधित महाराष्ट्र और राजस्थान में,  सिविल सेवा में नौकरी को लेकर मध्यप्रदेश में एवं गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, असम जैसे अन्य राज्यों में भी ऐसी जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून बनी हुई है । इस प्रकार का कानून संसद द्वारा पूरे भारत के लिए बनाकर जनसंख्या नियंत्रण का प्रयास किया जा सकता है एवं इसके साथ जो लोग एक या दो बच्चों के नीति के विरुद्ध हैं या जनसंख्या नियंत्रण नीति के विरुद्ध है उन्हें सरकारी या अन्य लाभों से वंचित करके जनसंख्या नियंत्रण को प्रोत्साहित किया जा सकता है।

 

इनके अलावा सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण को लेकर और भी कई प्रकार के प्रयास किए जा सकते हैं एवं जो कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं उन्हें पठानमथिट्टा मॉडल पर कार्यान्वित कर जनसंख्या नियंत्रण को प्रोत्साहित किया जा सकता है जो कि बहुत आवश्यक है, क्योंकि जब जनसंख्या बढ़ती है तो आकाक्षाएं  भी बढ़ती है । जैसे रोजगार, इंफ्रास्ट्रक्चर इत्यादि जो कि पूरा ना होने पर देश की सामाजिक एवं राजनीतिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।

छात्र/छात्रा अपने विवेक से और भी उपाय बता सकते हैं, किंतु ध्यान रहे उपाय तर्कसंगत होना चाहिए। उदाहरण के लिए कई लोग जनसंख्या नियंत्रण को लेकर चीन का उदाहरण देते हैं किन्तु वह भूल जाते हैं कि चीन एक कम्युनिस्ट देश है जबकि भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां कि यहां जन्म लेने वाले हर एक नागरिक को मौलिक अधिकार प्राप्त है चाहे वह कोई छोटा बच्चा ही क्यों ना हो 2 दिन के।

                    द्वारा - चन्द्रशिव सर (Gold Medal Awarded Tutor)

आवश्यक सूचना -  इस लेखनाभ्यास में छह गलती ढूंढने वाले को Gurumantra General Package के One month subscription पुरस्कार के रूप में दिया जाएंंगे।

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