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रेलवे कवच प्रणाली

By - Gurumantra Civil Class

At - 2024-07-26 13:45:49

कवच आर्मर ' एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली है, जिसे भारतीय रेलवे द्वारा अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) के माध्यम से स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। कवच का प्रारंभिक विकास 2012 में ट्रेन टक्कर परिहार प्रणाली (टीसीएएस) के नाम से शुरू हुआ और 2022 में विकास पूरा हुआ।

Armour Armour is an Automatic Train Safety (ATP) system, indigenously developed by Indian Railways through Research Design and Standards Organisation (RDSO). The initial development of the armor started in 2012 under the name of Train Collision Redressal System (TCAS) and was completed in 2022.

 

'कवच' को रेलवे द्वारा दुनिया की सबसे सस्ती स्वचालित ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। 'शून्य दुर्घटना' के लक्ष्य को प्राप्त करने में रेलवे की मदद के लिए स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (ATP) प्रणाली का निर्माण किया गया। इस एटीपी को कवच नाम दिया गया है।

Kavach is being promoted by the Railways as the world's cheapest automatic train collision safety system. Indigenously developed Automatic Train Safety (ATP) system was built to help Railways achieve the goal of 'zero accident'. This ATP has been named Kavach.

 

कवच सिस्टम के एक्टिव होते ही ट्रेन के पायलट को अलर्ट पहुंचता है। इतना ही नहीं कवच सिस्टम ट्रेन के ब्रेक्स का कंट्रोल भी ले लेता है। अगर कवच सिस्टम को यह पता चले की ट्रैक पर दूसरी ट्रेन आ रही है तो वह पहली ट्रेन के मूवमेंट को भी रोक देता है।

As soon as the armor system is active, the pilot of the train gets an alert. Not only this, the armor system also takes control of the brakes of the train. If the armor system comes to know that another train is coming on the track, it also stops the movement of the first train.

 

इस प्रणाली की घोषणा वर्ष 2022 के केंद्रीय बजट में आत्मनिर्भर भारत पहल के एक भाग के रूप में की गई थी। वर्ष 2022-23 में सुरक्षा और क्षमता वृद्धि को हेतु लगभग 2,000 किलोमीटर रेल नेटवर्क को स्वदेशी प्रणाली के तहत लाने की योजना है।

The system was announced in the Union Budget 2022 as a part of the Atmanirbhar Bharat initiative. In the year 2022-23, about 2,000 km of rail network is planned to be brought under indigenous system for security and capacity addition.

 

यह इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) उपकरणों का एक सेट है जो लोकोमोटिव तथा सिग्नलिंग सिस्टम के साथ-साथ पटरियों में भी स्थापित होता है।

वे ट्रेनों के ब्रेक को नियंत्रित करने के लिये अल्ट्रा हाई रेडियो फ्रीक्वेंसी का उपयोग करके एक-दूसरे से जुड़ते हैं तथा ड्राइवरों को सतर्क भी करते हैं, ये सभी प्रोग्राम के आधार पर होते हैं।

It is a set of electronic devices and radio frequency identification (RFID) devices that are installed in locomotive and signaling systems as well as tracks.

They connect with each other using ultra high radio frequency to control train breaks and also alert drivers, all based on the program.

 

TCAS या कवच में यूरोपीय ट्रेन सुरक्षा एवं चेतावनी प्रणाली, स्वदेशी एंटी कोलिज़न डिवाइस जैसे परीक्षण किये गए प्रमुख घटक पहले से ही शामिल हैं।

इसमें भविष्य में हाई-टेक यूरोपीय ट्रेन कंट्रोल सिस्टम लेवल-2 जैसी विशेषताएँ भी होंगी।

TCAS or armor already includes major components tested such as European train safety and warning system, indigenous anti-collision device.

It will also have features like the High-Tech European Train Control System Level-2 in the future.

 

कवच का वर्तमान स्वरूप सेफ्टी इंटीग्रिटी लेवल ( Safety Integrity Level-SIL) 4 नामक उच्चतम स्तर की सुरक्षा और विश्वसनीय मानक का पालन करता है।

The current form of armor follows the highest level of safety and reliable standard called Safety Integrity Level (SIL) 4.

 

SIL दो स्वैच्छिक मानकों के साथ खतरनाक कार्यों के लिये सुरक्षा प्रदर्शन आवश्यकताओं को मापने हेतु संयंत्र मालिकों/संचालकों द्वारा उपयोग किया जाता है।

चार SIL स्तर (1-4) हैं। एक उच्च SIL स्तर का अर्थ है कि प्रक्रियात्मक खतरा अधिक है और उच्च स्तर की सुरक्षा की आवश्यकता है।

SIL is used by plant owners/operators to measure safety performance requirements for hazardous works with two voluntary standards.

There are four SIL levels (1-4). A high SIL level means that the procedural risk is high and a high level of security is needed.

 

नए रूप में, भारत ‘कवच’ को एक निर्यात योग्य प्रणाली के रूप में स्थापित करना चाहता है, जो दुनिया भर में प्रचलित यूरोपीय प्रणालियों का एक सस्ता विकल्प है।जबकि अब कवच अल्ट्रा हाई फ्रिक्वेंसी का उपयोग करता है, इसे 4G लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन (LTE) तकनीक के साथ संगत और वैश्विक बाज़ारों के लिये उत्पाद बनाने हेतु काम चल रहा है।

In the new form, India wants to establish 'Kavach' as an exportable system, a cheaper alternative to European systems prevalent around the world. While the armor now uses ultra-high frequency, it is compatible with 4G long-term resolution (LTE) technology and is in the process of making products for global markets.

 

सिस्टम को ऐसा बनाने के लिये काम जारी है कि यह विश्व स्तर पर पहले से स्थापित अन्य सिस्टम्स के साथ संगत हो सके।

Work is underway to make the system compatible with other systems already established globally.

 

इसके महत्व (Its importance ) - 

 

सुरक्षा के दृष्टिकोण से (From a security point of view) -

 

कवच प्रणाली से रेल पटरियों पर ट्रेनों की टक्कर जैसी दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी।

एक बार सिस्टम सक्रिय हो जाने के बाद 5 किलोमीटर की सीमा के भीतर सभी ट्रेनें आसन्न पटरियों पर ट्रेनों को सुरक्षा प्रदान करने के लिये रुकेंगी।

वर्तमान में लोको-पायलट या सहायक लोको-पायलट को सावधानी संकेतों को देखना होता है।

The armor system will help in preventing accidents like train collisions on railway tracks.

Once the system is activated, all trains within the 5 km range will stop to provide security to trains on adjacent tracks.

At present, the loco-pilot or auxiliary loco-pilot has to look at the warning signs.

 

मूल्य के दृष्टिकोण से (From the point of view of value):-

 

दुनिया भर में इस प्रकार की परियोजनाओं (लगभग 2 करोड़ रुपए) की तुलना में इसे संचालित करने में केवल 50 लाख रुपए प्रति किलोमीटर का खर्च ही आएगा।

Compared to such projects (about Rs 2 crore) worldwide, it will cost only Rs 50 lakh per km.

 

संचार के दृष्टिकोण से (From the point of view of communication) :- 

 

इसमें सिग्नलिंग इनपुट को इकट्ठा करने के लिये स्थिर उपकरण भी शामिल होंगे और ट्रेन के चालक दल तथा स्टेशनों के साथ निर्बाध संचार को सक्षम करने के लिये उन्हें एक केंद्रीय प्रणाली में रिले किया जाएगा।

It will also include stationary equipment for collecting signaling inputs and relay them in a central system to enable seamless communication with the train crew and stations.

 

कवच के घटक: (Components of armor) :-

 

इच्छित मार्ग पर निर्धारित रेलवे स्टेशनों में कवच प्रणाली के इनस्टॉलेशन में तीन आवश्यक घटक शामिल हैं (The installation of the armor system at the designated railway stations on the route as per the desired route includes three essential components) :- 

 

पहला घटक: रेलवे ट्रैक में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक का समावेश करना।

RFID वस्तुओं अथवा व्यक्तियों की पहचान करने के लिये रेडियो तरंगों का उपयोग करता है और भौतिक संपर्क या दूर से वायरलेस डिवाइस की जानकारी का स्वचालित आकलन करने के लिये विद्युत चुम्बकीय क्षेत्रों का उपयोग करता है।

First component: Incorporation of Radio Frequency Identification (RFID) technology in railway tracks.

RFID uses radio waves to identify objects or individuals and uses electromagnetic fields to automatically assess physical contact or remote wireless device information.

 

दूसरा घटक: लोकोमोटिव, जिसे चालक के केबिन के रूप में जाना जाता है, में एक RFID रीडर, एक कंप्यूटर और ब्रेक इंटरफेस उपकरण लगाया जाता है।

The second component: The locomotive, known as the driver's cabin, is fitted with an RFID reader, a computer, and a brake interface device.

 

तीसरा घटक: इसमें प्रणाली की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने के लिये रेलवे स्टेशनों पर टॉवर और मॉडेम जैसे रेडियो बुनियादी ढाँचे भी शामिल हैं।

Third component: It also includes radio infrastructure such as towers and modems at railway stations to improve system functionality.

 

  उपयोग से संबंधी चुनौतियाँ: (Use-related challenges):-

 

लगभग 1,500 किलोमीटर की इसकी सीमित कवरेज और 50 लाख रुपए प्रति किलोमीटर की स्थापना लागत इसके समक्ष सबसे प्रमुख चुनौती है, जिससे 68,000 किलोमीटर के रेल नेटवर्क में इसे पूरी तरह से निष्पादित करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

Its limited coverage of about 1,500 km and installation cost of Rs 50 lakh per km is the most major challenge before it, making it challenging to fully execute it in a 68,000 km rail network.

 

कवच को मौजूदा रेलवे बुनियादी ढांचे के साथ एकीकृत करना, जो प्रौद्योगिकी और उम्र के मामले में व्यापक रूप से भिन्न है, महत्वपूर्ण तकनीकी चुनौतियां पेश करता है।

Integrating the armor with the existing railway infrastructure, which is widely different in terms of technology and age, presents significant technical challenges.

 

विभिन्न प्रकार के रोलिंग स्टॉक और सिग्नलिंग प्रणालियों के साथ संगतता सुनिश्चित करने के लिए व्यापक परीक्षण और अनुकूलन की आवश्यकता होती है।

Comprehensive testing and customization are required to ensure compatibility with a variety of rolling stock and signaling systems.

 

कवच के प्रभावी संचालन के लिए ड्राइवरों और सिग्नल ऑपरेटरों सहित रेलवे कर्मचारियों का पर्याप्त प्रशिक्षण महत्वपूर्ण है।

प्रशिक्षण कार्यक्रमों में देरी हुई है, जिससे प्रणाली के क्रियान्वयन पर असर पड़ा है।

Adequate training of railway staff including drivers and signal operators is important for effective operation of armor.

Training programmes have been delayed, affecting the implementation of the system.

 

भारत की विविध भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों के लिए मजबूत और अनुकूलनीय प्रौद्योगिकी की आवश्यकता होती है। यह सुनिश्चित करना कि कवच विभिन्न भूभागों और मौसम स्थितियों में प्रभावी ढंग से काम करे, एक जटिल कार्य है।

India's diverse geographical and climatic conditions require strong and adaptable technology. Ensuring that the armor works effectively in different terrain and weather conditions is a complex task.

 

कार्यान्वयन प्रक्रिया में भारतीय रेलवे के विभिन्न विभागों और बाहरी ठेकेदारों सहित कई हितधारक शामिल होते हैं। नौकरशाही प्रक्रियाओं के कारण समन्वय और निर्णय लेने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है।

The implementation process involves several stakeholders including various departments of Indian Railways and external contractors. The process of co-ordinating and decision-making can be slow due to bureaucratic processes.

 

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य (Other important facts) - 

 

यह प्रणाली अधिक गति या प्रतिकूल मौसम की स्थिति में लोकोमोटिव पायलट को चेतावनी देती है।

This system warns locomotive pilots in high speed or adverse weather conditions.

 

यदि पायलट चेतावनी मिलने पर भी गति 15 किमी/घंटा से कम नहीं करता है, तो कवच स्वचालित रूप से ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक देता है।

If the pilot does not reduce the speed to less than 15 km/h even when warned, the armor automatically brakes and stops the train.

 

कवच को भारतीय रेलवे नेटवर्क के 1,465 किलोमीटर पर तैनात किया गया है, जिसमें 139 इंजन शामिल हैं।इसे मुख्य रूप से दक्षिण मध्य रेलवे पर क्रियान्वित किया गया है।पूर्वी, उत्तरी और पश्चिमी रेलवे सहित विभिन्न रेलवे जोनों में 3,000 किलोमीटर के लिए ठेके दिए जा चुके हैं।शीघ्र ही अतिरिक्त 10,000 किलोमीटर रेलवे नेटवर्क शुरू करने का प्रस्ताव है।भारतीय रेलवे इस विस्तार के लिए 5,000 करोड़ रुपये की निविदाएं जारी कर सकता है।

The armor has been deployed at 1,465 km of the Indian Railway network, including 139 locomotives. It has been implemented mainly on South Central Railway. Contracts have been awarded for 3,000 km in various railway zones including Eastern, Northern and Western Railway. An additional 10,000 km of railway network is proposed to be started soon. Indian Railways is likely to issue tenders worth Rs 5,000 crore for this extension.

 

कवच कार्यान्वयन के लिए वित्त वर्ष 2025 के अंतरिम बजट में 557 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।

Rs 557 crore has been earmarked in the Interim Budget for FY 2025 for armor implementation.

 

हाल के वर्षों में रेल दुर्घटनाओं की उच्च संख्या के कारण यह तैनाती महत्वपूर्ण है, तथा इससे रेल सुरक्षा प्रणालियों में सुधार की आवश्यकता पर बल मिलता है।

वर्तमान में केवल तीन निर्माता ही टक्कर-रोधी प्रणाली का उत्पादन कर रहे हैं , जिसके कारण देरी हो रही है।प्रशासनिक और नियामक बाधाओं ने भी तैनाती प्रक्रिया को धीमा कर दिया है।

This deployment is important in recent years due to the high number of train accidents, and it stresses the need to improve rail safety systems.

Currently only three manufacturers are producing anti-collision systems, which is causing delays. Administrative and regulatory constraints have also slowed down the deployment process.

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