By - Gurumantra Civil Class
At - 2024-08-11 09:22:11
बिहार का भूगोल
बिहार : प्राकृतिक प्रदेश
सामान्यतः बिहार प्रदेश को एक मैदानी भू-भाग के रूप में ही जाना जाता है। परन्तु बिहार का प्राकृतिक प्रदेश पर्वतीय श्रेणी तथा पठार को भी सम्मिलित करता है। बिहार के उत्तर-पश्चिम भाग में शिवालिक श्रेणी का भाग है, मध्य में विशाल गंगा मैदान है तथा दक्षिण में प्रायद्वीपीय पठार की संकीर्ण पट्टी पायी जाती है। स्पष्ट है कि इन विभिन्न प्राकृतिक प्रदेशों का निर्माण अलग-अलग समय में हुआ है तथा इनके निर्माण में विभिन्न चट्टानों का योगदान है। इसलिए इन तीनों प्रदेश के धरातलीय रूप में काफी भिन्नता पायी जाती है। तीनों प्राकृतिक प्रदेशों की विस्तृत चर्चा आगे की जा रही है।
शिवालिक पर्वत श्रेणी का भाग :
शिवालिक श्रेणी का कुछ भाग बिहार के उत्तर पश्चिम भाग में एक छोटे से क्षेत्रफल में फैला है। यह विहार के पश्चिमी चंपारण के उत्तरी भाग में स्थित है। यह एक छोटी सी पर्वतीय पेटी है, जिसका कुल क्षेत्रफल 932 वर्ग कि.मी. के लगभग है। यह पर्वतीय भाग बिहार के मैदान से 160 मी० की समोच्च रेखा से अलग होता है। इसकी ऊँचाई 250 भी० से 850 मी० के बीच है। इसे तीन उपविभागों में विभाजित किया जा सकता है:-
(क) सोमेश्वर श्रेणी: यह बिहार की सबसे उत्तरी श्रेणी है, जो बिहार-नेपाल सीमा के समानांतर फैली है। इसकी लम्बाई 75 कि०मी० है और बिहार में इसकी चौड़ाई 5.6 कि॰मी॰ तक है। पश्चिम में त्रिवेणी नहर से लेकर पूर्व में भिखनाठोरी दरें तक इसका विस्तार है। ऊँचाई दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ती जाती है। औसत ऊँचाई 457 मी है। इसकी सर्वोच्च चोटी 874 मो० ऊँची है, जिसपर सोमेश्वर किला स्थित है। नदी अपरदन से अनेक दरों का निर्माण हुआ है, जैसे- सोमेश्वर दर्रा, भिखनाठोरी दर्श एवं मरवाह दर्श। ये दरें भारत-नेपाल के बीच संपर्क मार्ग प्रदान करते हैं।
(ख) रामनगर दून: बिहार में शिवालिक का दक्षिणी भाग छोटी-छोटी पहाड़ियों के क्रम से बना है, जो रामनगर दून के नाम से जाना जाता है। यह मात्र 214 वर्ग कि॰मी॰ में फैला है। ऊँचाई अपेक्षाकृत कम है, लम्बाई 32 कि०मी० तथा चौड़ाई 8 कि॰मी॰ है। सर्वोच्च भाग सन्तपुर के निकट है, जिसकी ऊँचाई 242 मो. है।
(ग) हरहा घाटी/दून घाटी –
सोमेश्वर श्रेणी एवं रामनगर दून के बीच की घाटी हरहा या दून घाटी कहलाती है। इसमें हरहा नहीं बहती है। यह घाटी मात्र 24 कि॰मी॰ लम्बी है। इसका अधिकांश भाग समुद्रतल से 152 मी. ऊँचा है।
बिहार का मैदान :
बिहार राज्य का अधिकांश भाग (95%) मैदानी है, जो गंगा और उसकी सहायक नदियों द्वारा लाए गए जलोढ़ से बना है। यह लगभग 90650 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में फैला है। इसकी औसत ऊँचाई समुद्रतल से 60 से 120 मी है और इसका ढाल सर्वत्र एक जैसा एवं धीमा है। गंगा नदी बिहार मैदान को दो भागों में बाँटती है, जिसका उत्तरीभाग लगभग समतल है। लेकिन दक्षिण को मैदान में जहाँ-तहाँ कुछ पहाड़ियाँ दिखती हैं, जो छोटानागपुर की वर्हिवती पहाड़ियाँ हैं। भौगोलिक विशेषताओं एवं उच्चावच की विभिन्नताओं के आधार पर इस मैदान को दो उपविभागों में बाँटा जा सकता है-उत्तरी बिहार का मैदान तथा दक्षिणी बिहार का मैदान।
By - Admin
बिहार से झारखंड अलग हो जाने के बाद बिहार में खनिज का वह भंडार ना रहा जो भंडार झारखंड के अलग होने से पूर्व था, लेकिन इसके बावजूद बिहार में अभी कई ऐसे खनिज का भंडार है जो बिहार की आर्थिक समृद्धि के लिए सहायक हो सकती है। इस लेख में इन्हीं खनिजों के विषय में संक्षिप्त जानकारी देने का प्रयास किया गया है।
By - Admin
बिहार एक ऐसा राज्य जोकि प्राचीन काल से ही विद्वानों के लिए प्रसिद्ध है, जिन्हें विश्व की प्राचीन विश्वविद्यालय के इतिहास होने का गौरव प्राप्त है। इस भूमि में प्राचीनकाल से ही कई साहित्यकार का जन्म हुआ, जिनकी कृति आज भी लोकप्रिय है।
By - Admin
झारखंड के नए राज्य के निर्माण के रुप में बनने के बाद बिहार में जनजाति ?