By - Gurumantra Civil Class
At - 2024-09-01 23:17:00
बिहार में रेलवे (Railway In Bihar)
बिहार में 1860-62 में, हावड़ा को मुगलसराय से जोड़ने के क्रम में साहेबगंज, भागलपुर, पटना, आरा, बक्सर से होते हुए प्रथम रेलमार्ग का निर्माण हुआ।
वर्तमान में बिहार में रेलमार्ग की कुल लम्बाई 3731 किमी. है जो देश के कुल रेलमार्ग का लगभग 5.6% है।
रेल रूट की दृष्टि से बिहार का देश में आठवां स्थान है।
बिहार में प्रति 1000 वर्ग किमी. में रेल घनत्व 39.6 किमी. है। प्रति लाख आबादी पर रेलमार्ग की लंबाई बिहार में देश में सबसे कम 4.9 किमी. है।
बिहार में रेल नेटवर्क मुख्यत: पंगा घाटी क्षेत्र में केंद्रित है, जबकि उत्तरी बिहार में रेल नेटवर्क अति पिछड़ा है।
बिहार से निम्नलिखित पांच रेल क्षेत्र के रेल मार्ग गुजरते हैं –
(i) पूर्वोत्तर रेलवे (NER),
(ii) पूर्वी रेलवे (ER),
(iii) दक्षिण-पूर्वी रेलवे (SER)
(iv) उत्तर-पूर्व सीमांत रेलवे (NEFR) और
(v) पूर्व मध्य रेलवे (ECR)
भारतीय रेलवे के कुल 16 रेल क्षेत्रों (Zone) में एकमात्र रेल क्षेत्र पूर्व मध्य रेलवे को मुख्यालय हाजीपुर (2002) में बनाया गया है।
बिहार से गुजरने वाले प्रमुख रेलमार्ग निम्नलिखित हैं –
(i) हावड़ा – आसनसोल – पटना – दिल्ली मुख्य मार्ग ।
(ii) आसनसोल – धनबाद – सासाराम – मुगलसराय अँड काड
(iii) गुवाहटी – बरौनी – सीवान – गोरखपुर रेल मार्ग
(iv) छपरा – सोनपुर – मुजफ्फरपुर – कटिहार रेल मार्ग।
पटना, गया, मुजफ्फरपुर, कटिहार और समस्तीपुर बिहार के मुख्य रेलवे जंक्शन हैं।
राज्य में निर्मित किए गए दो बड़े रेल पुलों-दीघा-सोनपुर रेल पुल और रेल सह-सड़क पुल मुंगेर को 12 मार्च, 2016 को 2 राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया। 25 मई, 2016 को बिहटा और तुर्की रेलवे स्टेशनों के बीच दीघा गंगा रेल पुल होते हुए रोल ऑन रोल ऑफ सेवा की शुरुआत की गई। तीसरा पुल कोसी पर बनेगा जो निर्मली और भष्टियाही को जोड़ेगा।
मुंगेर के जमालपुर में वर्ष 1862 में स्थापित रेलवे वर्कशॉप एशिया का सबसे बड़ा और सबसे पुराना है।
बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड की स्थापना नवंबर, 1974 में की गई थी। 10 अप्रैल, 2018 को मधेपुरा विद्युत फैक्ट्री के प्रथम चरण का राष्ट्र को समर्पित किया गया।
नालंदा जिले के हरनौत में डिब्बा अनुरक्षण कार्यशाला निर्माणाधीन है जो तमिलनाडु के पेरांबुर के बाद इस किस्म की दूसरी प्रयोगशाला होगी जिसका विस्तार 113 एकड़ में होगा।
सारण के बेलापुर में उन्नत पहिया कारखाना से उत्पादन शुरू (2014 से) हो गया है।
मधेपुरा में विद्युत इंजन का कारखाना व मढ़ौरा में डीजल इंजन कारखाना स्थापित है।
धार्मिक एवं पर्यटन महत्त्व के स्टेशनों पर बहुकर्मी संकुलों के निर्माण के लिए राज्य के गया, हाजीपुर, सासाराम, इस्लामपुर और भागलपुर का चयन किया गया है।
हाल ही में पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ बीरेंद्र कुमार ने बिहार राज्य में स्टेशन पुनर्विकास परियोजना के तहत विश्व स्तरीय स्टेशन के रूप में विकसित किए जाने हेतु पूर्व मध्य रेलवे के 12 स्टेशनों की पहचान किए जाने की जानकारी दी है।
बिहार के 9 स्टेशन समेत पूर्व मध्य रेल के कुल 12 स्टेशनों यथा - दानापुर मंडल के राजेन्द्रनगर एवं बक्सर, सोनपुर मंडल के मुजफ्फरपुर, बेगुसराय एवं बरौनी, समस्तीपुर मंडल के दरभंगा, सीतामढ़ी, बापूधाम मोतीहारीय पं. दीन दयाल उपाध्याय मंडल के गया एवं पं.दीन दयाल उपाध्याय जं तथा धनबाद मंडल के धनबाद एवं सिंगरौली का चयन किया गया है।
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