By - Gurumantra Civil Class
At - 2024-01-18 22:42:16
भारत के विश्व विरासत स्थल
युनेस्को विश्व विरासत स्थल ऐसे खास स्थानों (जैसे वन क्षेत्र, पर्वत, झील, मरुस्थल, स्मारक, भवन, या शहर इत्यादि) को कहा जाता है, जो विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित होते हैं; और यही समिति इन स्थलों की देखरेख युनेस्को के तत्वाधान में करती है।इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व के ऐसे स्थलों को चयनित एवं संरक्षित करना होता है जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ खास परिस्थितियों में ऐसे स्थलों को इस समिति द्वारा आर्थिक सहायता भी दी जाती है।
यूनेस्को
यूनेस्को (UNESCO) यानी 'संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization)' संयुक्त राष्ट्र का ही एक भाग है।
मुख्यालय - पेरिस (फ्राँस)
गठन - 16 नवंबर, 1945
कार्य- शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति और संचार के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देना।
उद्देश्य - इसका उद्देश्य शिक्षा एवं संस्कृति के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से शांति एवं सुरक्षा की स्थापना करना है, ताकि संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में वर्णित न्याय, कानून का राज, मानवाधिकार एवं मौलिक स्वतंत्रता हेतु वैश्विक सहमति बन पाए।
यूनेस्को द्वारा वर्ष 1972 में अपनाई गई विश्व सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण से संबंधित कन्वेंशन नामक एक अंतर्राष्ट्रीय संधि में यह सन्निहित है।
भारत के विश्व विरासत स्थल की सूची 2021 -:
विश्व विरासत स्थल -वर्ष - राज्य
1.आगरा का किला-1983-उत्तर प्रदेश
2.अजंता की गुफाएं-1983-महाराष्ट्र
3.एलोरा की गुफाएं-1983-महाराष्ट्
4.ताज महल-1983-उत्तर प्रदेश
5.महाबलीपुरम के स्मारक-1984-तमिलनाडु
6.सूर्य मंदिर-1984-ओड़िशा
7.मानस वन्यजीव अभ्यारण्य-1985-असम
8.काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान-1985-असम
9.केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान-1985-राजस्थान
10.गोवा के चर्च-1986-गोवा
11.फतेहपुर सीकरी-1986-उत्तर प्रदेश
12.हम्पी के स्मारक-1986-कर्नाटक
13.खजुराहो के मंदिर-1986-मध्य प्रदेश
14.एलीफेंटा की गुफाएं-1987-महाराष्ट्र
15.महान चोल मंदिर-1987/2004-तमिलनाडु
16.पट्टाकल के स्मारक-1987-कर्नाटक
17.सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान-1987-पश्चिम बंगाल
18.नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान व फूलों की घाटी-1988/2005-उत्तराखंड
19.सांची का स्तूप-1989-मध्य प्रदेश
20.हुमायूं का मक़बरा-1993-दिल्ली
21.क़ुतुब मीनार-1993-दिल्ली
22.भारत के पर्वतीय रेलवे ( दार्जिलिंग/नीलगिरी/शिमला)-1999/2005/2008-पश्चिम बंगाल/तमिलनाडु/हिमाचल प्रदेश
23.महाबोधि मंदिर-2002- बिहार
24.भीमबेटका गुफ़ाएं-2003-मध्य प्रदेश
25.चंपानेर पावागढ़ पार्क-2004- गुजरात
26.छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस-2004-महाराष्ट्र
27.लाल किला-2007-दिल्ली
28.जंतर – मंतर-2010-राजस्थान
29.पश्चिमी घाट-2012-गुजरात,महाराष्ट्र, कर्नाटक,तमिलनाडु,केरल
30.राजस्थान के पहाड़ी किले-2013-राजस्थान
31.रानी की वाव-2014-गुजरात
32.ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान-2014-हिमाचल प्रदेश
33.नालंदा-2016-बिहार
34.कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान-2016-सिक्किम
35.ली कार्बुसियर के स्थापत्य कार्य-2016-चंडीगढ़
36.अहमदाबाद-2017-गुजरात
37.विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको-2018-महाराष्ट्र
38.जयपुर-2019-राजस्थान
39.काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर-2021-तेलंगाना
40.धोलावीरा-2021-गुजरात
41. कोलकाता दुर्गा पूजा – 2021 – पश्चिम बंगा
मध्य प्रदेश के विश्व धरोहर स्थल की सूची 2021
1. खजुराहो के स्मारकों का समूह –
खजुराहो के स्मारकों का समूह, कई मंदिरो का एक समूह है। जिसको चंदेल शासकों नें लगभग 900 ई. और 1130 ई. के बीच निर्माण करवाया था। खजुराहो के स्मारकों के समूह को वर्ष 1986 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया था।
2. सांची का बौद्ध स्तूप –
सांची का स्तूप मध्य प्रदेश में रायसेन जिले के सांची में स्थित है। महान सम्राट अशोक ने सांची स्तूप का निर्माण करवाया था। यूनेस्को ने 1989 में सांची के स्तूप को विश्व विरासत स्थल के रूप में शामिल किया।
3. भीमबेटका पाषाण आश्रय –
यह एक पुरातत्व स्थल है, मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित है। यूनेस्को ने इसे वर्ष 2003 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
उत्तर प्रदेश के विश्व धरोहर स्थल की सूची 2021
1. आगरा का किला -:
यह उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित है। यूनेस्को ने इसे वर्ष 1983 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
2. ताज महल -:
ताज महल भारत में उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे स्थित है। यूनेस्को नें वर्ष 1983 में इसे विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया था।
3. फतेहपुर सीकरी -:
16 वीं सदी में मुगल सम्राट अकबर ने उत्तर प्रदेश के आगरा के पास फतेहपुर सीकरी में अपनी राजधानी का निर्माण कराया था। यूनेस्को ने फतेहपुर सीकरी को वर्ष 1986 में विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया था।
दिल्ली के विश्व धरोहर स्थल की सूची 2021
1. हुमायूं का मकबरा –
हुमायूं का मकबरा दिल्ली में स्थित है। यूनेस्को ने इसे वर्ष 1993 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
2. कुतुब मीनार –
कुतुब मीनार परिसर का निर्माण सूफी संत कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी के सम्मान में किया गया था। इस की स्थापना मामलूक वंश के कुतुब-उद-दीन ऐबक ने थी। यूनेस्को ने क़ुतुब मीनार को 1993 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
3. लाल किला –
लाल किला भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है और इसका निर्माण मुगल शासक शाहजहाँ ने करवाया था। यूनेस्को ने इस किले को वर्ष 2007 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
गुजरात के विश्व धरोहर स्थल की सूची 2021,
1. चंपानेर -पावागढ़ पुरातत्व उद्यान –
यूनेस्को ने 2004 में गुजरात के चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व उद्यान (आर्कियोलॉजिकल पार्क) को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
2. धोलावीरा -
यूनेस्को ने 2021 में गुजरात के धोलावीरा को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया है। धोलावीरा सिंधु घाटी सभ्यता से संबंधित एक प्राचीन और विशाल स्थल है। जो गुजरात के कच्छ जिले के भचाऊ तालिका में मासर एवं मानहर नदियों के संगम पर स्थित है। धोलावीरा में जल संग्रहण और जल प्रबंधन प्रणाली के प्राचीनतम साक्ष्य मिले हैं। धोलावीरा भारत में दूसरा सबसे बड़ा हड़प्पा स्थल और भारतीय उपमहाद्वीप में पांचवां सबसे बड़ा स्थल है। इसे स्थानीय रूप से कोटड़ा टिम्बा कहा जाता है।
3. रानी की वाव (रानी की बावड़ी) –
रानी की वाव गुजरात के पाटण में सरस्वती नदी के तट पर स्थित है। यूनेस्को नें इसको 2014 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
4. अहमदाबाद –
गुजरात में स्थित अहमदाबाद शहर एक सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और स्थापत्य कला की विरासत से भरपूर शहर है। इस ऐतिहासिक शहर को यूनेस्को ने 2017 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया। यह भारत का पहला शहर है, जो विश्व विरासत स्थल में शामिल हुआ है।
बिहार के विश्व धरोहर स्थल की सूची 2021
1. महाबोधि मंदिर परिसर –
बिहार के बोधगया में स्थित महाबोधि मंदिर का निर्माण सम्राट अशोक द्वारा करवाया गया था। प्रसिद्ध बोधि वृक्ष इसी मंदिर परिसर के अंदर स्थित है जहाँ महात्मा बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था। यूनेस्को नें इसे वर्ष 2002 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
2. नालंदा महाविहार (नालंदा विश्वविद्यालय) –
नालंदा भारत के बिहार राज्य में स्थित है। गुप्त साम्राज्य के दौरान, नालंदा का विकास हुआ था। यूनेस्को ने इसको वर्ष 2016 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
कर्नाटक के विश्व धरोहर स्थल की सूची
1. हंपी में स्मारकों का समूह –
यह स्थान भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित है। हंपी में स्मारकों के समूह में अंतिम महान हिन्दू साम्राज्य विजयनगर की राजधानी के अवशेष प्राप्त होते है। यूनेस्को ने इसको वर्ष 1986 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
2. पट्टकल के स्मारकों का समूह -
यह कर्नाटक में मलप्रभा नदी के पास स्थित है। पट्टकल के स्मारकों का समूह का निर्माण चालुक्य वंश के दौरान 7वीं और 8वीं शताब्दी के दौरान कराया गया था। यूनेस्को ने इस स्थान को वर्ष 1987 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
असम के विश्व धरोहर स्थल की सूची
1. मानस वन्यजीव अभयारण्य -
मानस वन्यजीव अभ्यारण्य भारत के असम राज्य में स्थित है। इसको यूनेस्को ने वर्ष 1985 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था। ( unesco world heritage sites in india in hindi )
2. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान –
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान असम राज्य में स्थित है। यह राष्ट्रीय उद्यान भारतीयु गैंडे ( एक सींग वाले गैंडे ) के लिए प्रसिद्ध है। इसे 2006 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था। वर्ष 1985 में काजीरंगा राष्ट्रीय वन को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल किया गया।
तमिलनाडु के विश्व धरोहर स्थल की सूची
1. महाबलीपुरम के स्मारकों का समूह -
महाबलिपुरम में स्मारकों का समूह तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित है। इन स्मारकों का निर्माण 7 वीं शताब्दी के दौरान पल्लव राजाओं द्वारा कराया गया था। यूनेस्को ने इसको वर्ष 1984 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
2. महान चोल मंदिर –
महान चोल मंदिरों का निर्माण 11 वीं और 12 वीं शताब्दी के दौरान चोल वंश के राजाओं द्वारा किया गया था। ये मंदिर दक्षिण भारत के तमिलनाडु में स्थित हैं। यूनेस्को ने वर्ष 1987 में इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था। यूनेस्को ने 1987 में बृहदीश्वर मन्दिर को विश्व धरोहर स्थल की सूची में सर्वप्रथम शामिल किया। फिर बाद में, यूनेस्को द्वारा 2004 में गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर और ऐरावतेश्वर मंदिर को विश्व विरासत स्थल के रूप में शामिल किया।
राजस्थान के विश्व धरोहर स्थल की सूची-2021
1. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान -
केवलादेव घाना राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान के भरतपुर में स्थित है। इसको भरतपुर पक्षी अभयारण्य के नाम से भी जाना जाता है। इस राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 1985 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल सूची में जोड़ा गया था।
2. जंतर– मंतर -
राजस्थान के जयपुर में स्थित जंतर मंतर का निर्माण राजा सवाई जय सिंह-द्वितीय द्वारा करवाया था। इसका निर्माण 18वीं सदी के आरंभ में हुआ था। यूनेस्को ने इसे वर्ष 2010 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
3. जयपुर –
गुलाबी शहर जयपुर को जुलाई 2019 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया है।
राजस्थान के पहाड़ी किले में छह किले – चितौड़गढ़, कुंभलगढ़, रण थंभौर, आमेर, जैसलमेर और गागरोन हैं जिन्हें कि यूनेस्को ने इनको 2013 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
1. चित्तौड़गढ़ किला -
यह किला भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है जो चित्तौड़गढ़ शहर, राजस्थान में स्थित है। यह किला अरावली पहाड़ियों पर स्थित है।
2. कुम्भलगढ़ किला -
यह किला राजस्थान के उदयपुर में अरावली पहाड़ियों पर स्थित है। 15 वीं शताब्दी के दौरान, राणा कुंभा ने इस किले का निर्माण करवाया था। इस किले में विशाल दीवारें हैं जिन्हें भारत की महान दीवार कहा जाता है।
3. रणथंभौर किला -
यह किला रणथंभौर नेशनल पार्क के अंदर स्थित है और यह राजस्थान में सवाई मोधपुर के पास स्थित है।
4. आमेर किला –
आमेर किला राजस्थान में जयपुर के पास स्थित है।
5. जैसलमेर किला –
यह राजस्थान के जैसलमेर शहर में स्थित है। किला थार रेगिस्तान के पास त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित है। इस किले को सोनार किला या स्वर्ण किले के नाम से भी जाना जाता है।
6. गागरोन किला -
गागरोन किला राजस्थान के झालावाड़ जिले में स्थित है।
महाराष्ट्र के विश्व धरोहर स्थल की सूची 2021
1. अजंता की गुफाएं -
अजंता की गुफाएँ महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिले में स्थित है। यूनेस्को ने इसको वर्ष 1983 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में सम्मिलित किया गया था।
2. एलोरा की गुफाएं –
एलोरा की गुफाएँ महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिले में स्थित है। इसको यूनेस्को ने वर्ष 1983 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
3. एलिफेंटा की गुफाएं –
एलीफेंटा की गुफाएं महाराष्ट्र में एलीफेंटा द्वीप में स्थित है। इन गुफाओं को 5 वीं और 8 वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया है। मुख्य गुफा, भगवान शिव को समर्पित है। यूनेस्को ने वर्ष 1987 में इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
4. छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (विक्टोरिया टर्मिनस) -
महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस एक ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन है। इस रेलवे स्टेशन को सन् 1887 में विक्टोरियन इटालियन गॉथिक रिवाइवल आर्किटेक्चर के साथ बनाया गया है। यूनेस्को ने इस स्टेशन को 2004 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
5. विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको –
भारत के महाराष्ट्र में मुंबई शहर की ‘विक्टोरियन गोथिक’ और ‘आर्ट डेको’ के स्थापत्य को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया है। यूनेस्को ने इसको वर्ष 2018 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया है।
उड़ीसा के विश्व स्मारक स्थल
सूर्य मंदिर कोणार्क -
यह सूर्य मंदिर ओड़िशा राज्य के कोणार्क में स्थित है। यूनेस्को ने इसको वर्ष 1984 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
गोवा के विश्व स्मारक स्थल
गोवा के चर्च -.
इनका निर्माण भारत के गोवा राज्य में पुर्तगाली शासनकाल में हुआ था। इसको यूनेस्को ने वर्ष 1986 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
पश्चिम बंगाल के विश्व स्मारक स्थल
सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान -
सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित है। सुंदरवन का नाम यहां पाए जाने वाले सुंदरी नाम के वृक्ष की वजह से पड़ा है। यहां बड़ी मात्रा में मैंग्रोव वन पाए जाते हैं। यह पार्क विशेष रूप से बंगाल टाइगर के लिए आरक्षित है। यूनेस्को ने इसे वर्ष 1987 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
कोलकाता की दुर्गा पूजा
की विश्च प्रसिद्ध दुर्गा पूजा को यूनेस्को (UNESCO) ने बुधवार (15 दिसंबर 2021) को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (Intangible Heritage) के रूप में मान्यता दी।
13 से 18 दिसंबर 2021 तक फ्रांस के पेरिस में आयोजित होने वाली Intergovernmental Committee के 16वें सत्र के दौरान कोलकाता दुर्गा पूजा को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची (UNESCO’s Representative List of Intangible Cultural Heritage of Humanity) में शामिल किया गया है।
उत्तराखंड के विश्व स्मारक स्थल
नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान एवं फूलों की घाटी -
यह भारत के उत्तराखंड राज्य में नंदा देवी की पहाड़ी पर स्थित है। 1988 में यूनेस्को ने नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान को विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल किया। तथा फूलों की घाटी को 2005 में विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया।
भारत के पहाड़ी रेलवे -विश्व स्मारक स्थल
यूनेस्को ने भारत की तीन प्रमुख पर्वतीय रेलवे को विश्व धरोहर स्थलों के रूप में शामिल किया।
ये तीन प्रमुख रेलवे – दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, कालका – शिमला रेलवे और नीलगिरि पर्वतीय रेलवे हैं।
दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे -विश्व विरासत स्थल
इस रेलवे को ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रारम्भ किया था। दार्जिलिंग भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित है और यह रेलवे सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग के बीच संचालित है। दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे को “टॉय ट्रेन” के नाम से भी जाना जाता है। इसे 1999 में विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया गया।
नीलगिरी माउंटेन रेलवे –विश्व विरासत स्थल
यह एक सिंगल ट्रैक रेलवे है जो तमिलनाडु की नीलगिरी की पहाड़ियों पर स्थित है। इसे 2005 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया गया।
कालका शिमला रेलवे - विश्व विरासत स्थल
हिमाचल प्रदेश में स्थित इस पर्वतीय रेलवे को 1903 में शुरू किया गया था। यह रेलवे कालका और शिमला के बीच चलती है। इसे यूनेस्को द्वारा 2008 में विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया गया।
पश्चिमी घाट - विश्व विरासत स्थल
पश्चिमी घाट को सह्याद्री के नाम से भी जाना जाता है। पश्चिमी घाट की सीमा गुजरात से महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल तक फैली हुई है। यूनेस्को ने 2012 में इस स्थल को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान - विश्व विरासत स्थल
यह भारत में हिमाचल प्रदेश राज्य के कुल्लु जिले में स्थित है। ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 1999 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। इस पार्क को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत संरक्षित किया गया है। यूनेस्को ने इसे वर्ष 2014 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान - विश्व विरासत स्थल
कंचनजंंगा राष्ट्रीय उद्यान, सिक्किम में स्थित है। यूनेस्को ने इस पार्क को 2016 को विश्व विरासत स्थल के रूप में सूची में जोड़ा। यह भारत का पहला मिश्रित धरोहर स्थल है।
ली कार्बुज़ियर का वास्तुशिल्प कार्य (कैपिटल कॉम्प्लेक्स) - विश्व विरासत स्थल
यूनेस्को ने 2016 में चंडीगढ़ में स्थित ली कार्बुज़ियर के वास्तुशिल्प कार्य को विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया है। यूनेस्को ने इस वास्तुशिल्प कार्य को “आधुनिक आंदोलन में उत्कृष्ट योगदान” बताया है।
काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर -
विश्व विरासत स्थल यूनेस्को ने 2021 में तेलंगाना के काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया है। छह फीट ऊंचे सितारे जैसे प्लेटफार्म पर निर्मित यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर में मुख्य रूप से रामलिंगेश्वर स्वामी की पूजा होती है। यह मंदिर हजार खंभों पर बना प्राचीन वास्तु शिल्प का बेजोड़ नमूना है। इसका निर्माण 13वीं शताब्दी में हुआ था। शिल्पकार रामप्पा ने 40 वर्षों के अथक प्रयास के बाद इसका निर्माण किया था। इसलिए 800 साल पुराने इस मंदिर को रामप्पा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मार्को पोलो ने काकतीय वंश के दौरान बने इस मंदिर को तमाम मंदिरों में सबसे चमकता तारा कहा था।
By - Admin
शिक्षा क्या है? शिक्षा अधिनियम क्या है ? शिक्षा अधिनियम के फायदे ?
By - Admin
गांधीवाद और मार्क्सवाद दर्शन में कितना अंतर और कितना समानता ?