BPSC AEDO & Bihar SI Full Test Discussion Start from 3rd November 2025 . Total Set Discussion- 50+50. BPSC 72nd, UPPSC 2026, MPPSC 2026, Mains Cum Pt Batch Start from 10 November 2025

प्रथम पंचवर्षीय योजना (1951 - 56)

By - Gurumantra Civil Class

At - 2024-08-29 11:54:48

प्रथम पंचवर्षीय योजना

 

यह योजना 1 अप्रैल 1951 से 31 मार्च 1956 तक रहा, जिसका  अंतिम प्रारूप दिसंबर 1952 में प्रकाशित हुआ। हेराल्ड- डोमर मॉडल पर आधारित इस योजना को कुछ विशेषज्ञ गांधीवादी मॉडल भी मानते हैं। नियमानुसार अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू (प्रधानमंत्री) जबकि उपाध्यक्ष गुलजारीलाल नंदा थे।

 

इस योजना के दौरान हमारे देश की अर्थव्यवस्था वृहद पैमाने पर खाद्यान्न की आयात की समस्या तथा मूल्यों में वृद्धि के दबाव का सामना कर रहे थे। यही कारण रहा कि इस योजना में सबसे अधिक प्राथमिकता कृषि  को दी गई। जिसमें सिंचाई तथा विद्युत परियोजनाएं शामिल थी। योजना का लागत का 44.6% सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को आवंटित किया गया।

For Our Youtube channel, just click here

 


योजना की मुख्य बातें इस योजना का मुख्य उद्देश्य अर्थव्यवस्था के संतुलित विकास की प्रक्रिया आरंभ करना था इस योजना में कृषि को प्राथमिकता दी गई।


इस योजना का उद्देश्य देश में उपलब्ध भौतिक व मानवीय संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना था तथा देश में आए संपत्ति व अवसर की असमानता को दूर करना था।


योजना का उद्देश्य प्रत्येक क्षेत्र में संतुलित विकास करना, राष्ट्रीय आय व जीवन स्तर में वृद्धि करना भी था।

 इस योजना के दौरान कई बड़ी सिंचाई परियोजना भी शुरू की गई ।जैसे भाखड़ा नांगल परियोजना, व्यास परियोजना, दामोदर घाटी परियोजना आदि।

 

इस योजना के दौरान राष्ट्रीय आय में 18% तथा प्रति व्यक्ति आय में 11% की कुल वृद्धि हुई। प्रति व्यक्ति उपभोग का  दर 8% व विनियोग की दर 2.3% रही।  लगभग 45 लाख लोगों को अतिरिक्त रोजगार प्रदान किया गया । हालांकि लक्ष्य लगभग 57 लाख  लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का था।  वही इस योजना के दौरान 16 मिलियन एकड़ भूमि पर सिंचाई की सुविधा का विस्तार किया गया । इस योजना में खाद्यान्न उत्पादन में 20% की वृद्धि की गई थी । 

इस योजना काल में सार्वजनिक उद्योग के विकास की अपेक्षा की गई । 

इस योजना में सार्वजनिक क्षेत्र के अंतर्गत वह राशि 1960 कड़ोर रुपया रही जबकि  अनुमानित व्यय राशि 2378 करोड़ रुपया रही । औद्योगिक उत्पादन में वार्षिक वृद्धि दर 8 प्रतिशत की रही जबकि 5.380 मील रेलवे लाइन बिछाई गई थी एवं 430 मील का नवीनीकरण भी किया गया।

औद्योगिक क्षेत्रों पर केवल 4% परिवहन क्षेत्र की अवहेलना की गई।


इस योजना के प्रमुख उद्देश्य संक्षेप में –


◆ कृषि क्षेत्र के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता, 
◆ देश के विभाजन तथा युद्ध से उत्पन्न असंतुलन को दूर करना, 

◆ न्यूनतम समय में खाद्यान्न में आत्म निर्भरता की प्राप्ति,
◆  लघु एवं कुटीर उद्योगों को पुनरुद्धार तथा औद्योगिकरण हेतु वांछित पृष्ठभूमि तैयार करना ।

इस योजना की शुरुआत सामाजिक आर्थिक विकास के बड़े-बड़े लक्ष्यों के साथ हुई थी। इसका लक्ष्य 2.1% रखा गया जबकि प्राप्त 3.6% किया गया था। हालांकि कुछ आलोचक के अनुसार शुरुआत में यह विफल हो गई थी किंतु अंतिम 2 वर्षों में अच्छे उत्पादन के कारण यह योजना सफल रही।

Comments

Releted Blogs

Sign In Download Our App